श्रीराम का नाम लेने मात्र से ही संसार के सारे काम समाप्त होते हैं…आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाई – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

श्रीराम का नाम लेने मात्र से ही संसार के सारे काम समाप्त होते हैं…आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाई

देहरादून

शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति कार्यकारिणी एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला द्वारा कम्युनिटी हॉल में आयोजित श्री रामकथा के सातवें दिवस में एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला क्षेत्र में गुरुवार शाम को आयोजित श्री राम कथा में व्यास आचार्य बिजेन्द्र प्रसाद ममगाई ने रामबनवास जाने का वर्णन किया।

आज की कथा में व्यास ममगाई की बड़ी भावुक कथा का वर्णन बड़े ही सरल शब्दों में की गई कथा को सुनने के लिय हजारों की संख्या में कथा प्रेमी श्रवण कर रहे हैं।

शुक्रवार शाम को कथा के शुभारंभ पर समिति अध्यक्ष टीटू प्रवीण त्यागी ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया और कहा कि शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति की ओर से आयोजित नर्मदेश्वर भगवान शिव की प्रतिष्ठा दिवस जो कि प्रत्येक वर्ष इस आयोजन में इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा लोगो को धर्म से जुड़ने की प्रेरणा दे रहा है।

कलयुग में भी श्रीराम सभी के प्रेरणा श्रोत हैं।

श्री राम कथा के सातवें दिन शुक्रवार को कथा श्री शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति डालनवाला एसडीडीए कालोनी के वार्षिक प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष में आयोजित श्रीराम कथा महायज्ञ जो कि 20 मई से शुरू होकर 28 मई को विशाल भण्डारे के साथ ही विराम लेगी।

आचार्य व्यास विजेन्द्र प्रसाद ममगाई ने जनमानस को सम्बोधित करते हुये आज की कथा में कहा कि श्रीराम के विभिन्न मर्यादित संदर्भों को स्पर्श कर कहा कि आज भी समाज को प्रेरणा दे रहे है, उन्होने कहा कि कैकई के चरित्र का उदाहरण देते हूए कहा कि कैकेई अर्थात जिसके मन भाव विचारों में कई-कई भावनायें हो, जिसने कि उचित अनुचित का बोध न होने पर श्री राम को राज्याभिषेक की जगह चौदह वर्ष का वनवास और एक माह का अज्ञातवास देने की जिद पर अड़ी रही, अयोध्यावासियों के समझाने के बावजूद भी कोई समझौता नहीं हुआ और अन्त में चारों भाइयों में से श्रीराम लक्ष्मण सीता भरत और शत्रुघ्न में से श्रीराम लक्ष्मण और सीता ने राजसी वस्त्रों को मां के चरणों में समर्पित कर बनवासी वस्त्रों को धारण कर वनगमन करने लगे, अयोध्यावासी ब्याकुल होते लगे, सुमन्त रथ लेकर आ‌ता है, श्रीराम रथ में विराजमान होकर वन गमन को चल दिये।

शुक्रवार को सातवें दिन की कथा में डा.आचार्य सन्दीप रतूडी, प.रविन्द्र इंगवाल, पं.श्रीकान्त शुक्ला,समस्त कार्यकारणी पदाधिकारी, जयंती प्रसाद बहुगुणा, रविन्द्र सिंह रावत,रोशन सिंह रावत, पवन जायसवाल, आमोदन चन्द्र मित्तल, किशोर सिंह पंवार, विजय गुप्ता, नरेन्द्र वर्मा, सुरेंद्र वर्मा,सुशील वर्मा, मूर्ति देवी,पुनम त्यागी, कविता अहलुवालिया,संतोष सक्सेना,उर्मिला मिलल, सविता त्यागी, रमा बोस, डाली बिष्ट, रजनी त्यागी, ओमवती, राजेश्वरी नेगी, ओमप्रकाश शर्मा, गुफ्तार विश्वकर्मा,सर्वेश वर्मा, ओमवती रामी कैन्तुरा, वसु भंडारी के साथ ही शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति कार्यकारिणी के अध्यक्ष प्रवीन टीटू त्यागी,उपाध्यक्ष आनन्द त्यागी,उपाध्यक्ष अकबर सिंह नेगी ,सचिव राजीव शर्मा,संयुक्त सचिव जसवन्त जोनवाल, कोषाध्यक्ष नन्द किशोर वर्मा,लेखा निरीक्षक सन्तराम जायसवाल,कार्यकारिणी सदस्य सुखदेव शर्मा, एनके सिंह,राकेश शर्मा, राकेश गुप्ता, शिवानी ममगाई,मनोज ठाकुर आदि हजारों लोग आज की कथा में शामिल हुए।

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