चन्द्र ग्रहण..7 सितंबर की रात 9:58 से शुरू होकर 1:26 तक रहेगा भारत में ब्लड मून ,सूतक लगेगा दोपहर 12:57 पर, – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

चन्द्र ग्रहण..7 सितंबर की रात 9:58 से शुरू होकर 1:26 तक रहेगा भारत में ब्लड मून ,सूतक लगेगा दोपहर 12:57 पर,

देहरादून

भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को साल 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और यह तिथि 7 सितंबर दिन रविवार को है।

साथ ही इस दिन से पितृपक्ष या श्राद्धकर्म भी आरंभ होने जा रहे हैं, जो ज्योतिषीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखेगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा इसलिए अगर भाद्रपद पूर्णिमा के दिन श्राद्ध कर्म कर रहे हैं तो सूतक काल का समय जानना बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। इसके साथ ही खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए सितंबर का महीना बेहद खास रहने वाला है क्योंकि इस माह में एक नहीं बल्कि दो ग्रहण देखने को मिलेंगे.के। पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण है, जो 7 सितंबर को लगेगा और दूसरा सूर्य ग्रहण है, जो 21 सितंबर को लगेगा।

भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण रविवार, 7 सितंबर को रात 9 बजकर 58 मिनट पर लगेगा और इसका समापन रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस दौरान चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देगा, जिसे खगोलशास्त्र में ब्लड मून कहा जाता है।

चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. 7 सितंबर 2025 को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो जाएगा.ळ।

*सूतक काल में न करें ये गलतियां आपके लिए हो सकती हैं घातक*

सूतक काल में कुछ खास कार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते. इसलिए मंदिरों के कपाट भी बंद रहते हैं। इस समय केवल मंत्र-जप और आंतरिक भक्ति ही की जा सकती है। चंद्र ग्रहण में धारदार या नुकीले उपकरणों का इस्तेमाल भी वर्जित माना गया है।

इस दौरान खाना पकाने से बचें और घर में पहले से रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डालें। चंद्र ग्रहण की अवधि में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर की शुद्धि की जाती है और फिर पूजा-पाठ शुरू होता है।

यहां एक और महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय बात है कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 12.57 बजे शुरू हो जाएगा।

और इसके साथ ही साथ पितृपक्ष भी शुरू हो रहा है, इसलिए बेहतर होगा कि आप चंद्र ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले ही पितृपक्ष से जुड़े रिवाज संपन्न कर लें।

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