बिंदल और रिस्पना एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश पर जनसुनवाई में हो रहा विरोध और वैकल्पिक विकास की मांग उठ रही…अनंत आकाश – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

बिंदल और रिस्पना एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश पर जनसुनवाई में हो रहा विरोध और वैकल्पिक विकास की मांग उठ रही…अनंत आकाश

देहरादून

उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखण्ड के निर्देश पर एलिवेटेड रोड परियोजना के संबंध में लगातार जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

कई जगह जनसुनवाई के दौरान विरोध स्वरुप आवाज़ भी सुनाई दे रहीं हैं। बस्ती बच्चाओनांदोलन के प्रणेता अनंत आकाश ने बताया कि

उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के निर्देश पर एलिवेटेड रोड परियोजना के संबंध में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में प्रभावित नागरिकों ने परियोजना का जोरदार विरोध करते हुए सड़क व्यवस्था में सुधार और मालिकाना हक की मांग को प्रमुखता से उठाया है।

जनसुनवाई 27 अगस्त 025 से शुरू होकर आईटी पार्क में सम्पन्न हुई जिसमें कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।

बिन्दाल और रिस्पना क्षेत्रों से आए लगभग 5000 प्रभावितों ने एलिवेटेड रोड परियोजना को लेकर लिखित आपत्तियाँ दर्ज करवाई।

इस दौरान प्रभावितों ने आरोप लगाया कि सरकार, विधायकों और पार्षदों द्वारा परियोजना के पक्ष में अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। हालाँकि, लोग सरकार के इस दबाव के आगे नहीं झुक रहे हैं।

किए गए वायदे के मुताबिक प्रभावितों ने सरकार पर पहले किए गए मालिकाना हक के वादे को पूरा नहीं किया है।

प्रभावितों का आरोप है कि सरकारी तंत्र ने सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) और जनसुनवाई जैसी वैधानिक प्रक्रियाओं का उचित पालन नहीं किया है। जनता की असहमति के बावजूद सरकार 6200 करोड़ रुपये की इस परियोजना को लागू करने जा रही है।

एलिवेटेड रोड परियोजना के बजाय निम्नलिखित व्यावहारिक और टिकाऊ विकल्प पर काम करने की मांग की गई है। जिसमें सड़कों, नालियों, फुटपाथों, चौक-चौराहों का जीर्णोद्धार,सड़कों के गड्ढों को भरने, सफाई अभियान चलाने और उपकरण खरीदने पर खर्च किया जाए। सस्ती और कुशल सार्वजनिक परिवहन सेवाएं (जैसे ई-बसों का विस्तार) उपलब्ध कराई जाएं,बस स्टॉप और बस अड्डों का निर्माण और रखरखाव किया जाए।

स्थानीय युवाओं को ट्रैफिक प्रबंधन और सार्वजनिक स्थलों के रखरखाव के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

सरल मोबाइल ऐप्स के जरिए नागरिकों से गड्ढों, कूड़े आदि समस्याओं की रिपोर्टिंग (सिस्टम) बनाया जाए।

कार्यशील सीसीटीवी कैमरों की ऑडिट और मरम्मत कराई जाए।

जलभराव वाले स्थानों की पहचान कर उनकी सफाई की जाए ताकि मानसून की बेहतर तैयारी हो सके।हरित अन्तराल (Green Spaces) का विकास किया जाए, जिससे पर्यावरण में सुधार और जीवन स्तर बढ़े।

उन्होंने कहा कि एलिवेटेड रोड जैसी महंगी परियोजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाए। किसी भी निर्णय से पहले व्यापक सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) और पारदर्शी जनसुनवाई की जानी चाहिए। सरकार को अपना ध्यान और संसाधन महंगे और विवादास्पद प्रोजेक्ट्स के बजाय ऊपर सुझाए गए जन-हितैषी, टिकाऊ और त्वरित समाधानों पर केंद्रित करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.