केदारनाथ के लिए हेली सेवा सिर्फ IRCTC की अधिकृत वेबसाइट पर ही करे,7 मई से शुरू होगी ऑनलाइन बुकिंग,फर्जी वेबसाइट और ठगो से बचने को देखिए IRCTC की टिप्स – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

केदारनाथ के लिए हेली सेवा सिर्फ IRCTC की अधिकृत वेबसाइट पर ही करे,7 मई से शुरू होगी ऑनलाइन बुकिंग,फर्जी वेबसाइट और ठगो से बचने को देखिए IRCTC की टिप्स

देहरादून
विश्वप्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के एक प्रमुख धाम केदारनाथ की हेली सेवा के लिए जून माह की ऑनलाइन टिकट बुकिंग 7 मई बुधवार से शुरू होने जा रही है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) द्वारा इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया गया है कि बुकिंग उसी दिन दोपहर 12 बजे से शुरू होगी।
केदारनाथ यात्रा में हेली सेवा लेने वालों के लिए यह सुनहरा मौका है, क्योंकि इससे पूर्व मई माह की बुकिंग मात्र पांच मिनट में ही फुल हो गई थी। इस बार विभाग बहुत ज्यादा एहतियात बरत रहा है, जिसके चलते बुकिंग 1 जून से 30 जून तक की अवधि के लिए खोली जा रही है।
यहां उल्लेखनीय है कि बुकिंग केवल IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से ही की जा सकेगी।
IRCTC ने यात्रियों के लिए कुछ खास हिदायतें जारी की है..
👉हेली सेवा की बुकिंग सिर्फ IRCTC की अधिकृत वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in से ही की जाएगी।
👉किसी अन्य वेबसाइट, पोर्टल या एजेंसी को हेली टिकट बुकिंग के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
👉किसी अनजान मोबाइल नंबर से आने वाली कॉल या संदेशों पर भरोसा न करें।
👉भुगतान केवल वेबसाइट के माध्यम से ही करें।
👉किसी के भेजे गए क्यूआर कोड या UPI आईडी पर राशि ट्रांसफर न करें।
👉अगर ठगी की आशंका हो तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दें।
IRCTC ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे बुकिंग से पहले वेबसाइट पर दिए गए सभी दिशा-निर्देश और नियमों को ध्यान से पढ़ लें ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी या धोखाधड़ी से जुड़ी समस्या से बचा जा सके।
केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए हेली सेवा एक सुविधाजनक विकल्प है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी झेल रहे लोगों के लिए। ऐसे में बड़ी संख्या में यात्री हर साल इस सेवा का लाभ उठाते हैं। क्योंकि पैदल रास्ता काफी लंबा है जो कि लगभग 16 किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता है और हरेक श्रद्धालु पैदल यहां नहीं पहुंच सकता। हालांकि 2013 में धाम में आई आपदा के बाद सरकार ने रास्ता काफी ठीक करने का प्रयास किया है।

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