देहरादून
रविवार को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा शहीद स्मारक में सशक्त भू-कानून एवं मूल निवास 1950 कों लेकर चर्चा की गई कि कैसे आमजन मानस कों इसमें लामबंद किया जाय और प्रदेश क़े पंचायत से लेकर विधानसभा व लोक सभा तक क़े जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता कों दूर किया जायेगा।
बेठक का संचालन प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी द्वारा किया गया जबकि बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मुन्नी खंडूड़ी द्वारा किया गया।
सुलोचना भट्ट व पुष्पलता सिलमाणा ने कहा कि अगले माह मानसून सत्र कों देखते हुये 5-सितम्बर कों दोपहर 12-बजे विधायक हॉस्टल में प्रदर्शन कर उनसे सशक्त भू-कानून और मूल निवास 1950 पर् विधान सभा में लागू कराने हेतु ईमानदार पहल करें।
उर्मिला शर्मा व राधा तिवारी ने जोर देते हुये मुख्यमंत्री से पुनः अपील की हैं कि यदि वह सशक्त भू कानून क़े प्रति सवेंदनशील हैं तो वह सर्वप्रथम त्रिवेन्द्र सरकार क़े समय 2018 का कानून रद्द करें और हिमाचल की तर्ज पर् सशक्त भू-कानून लागू करें साथ ही मूल निवास पर् गहराई से पालन कर प्रदेश क़े मूल निवासियों कों प्रमाणपत्र जारी करें।
बैठक क़े अन्त में प्रदेश कोषाध्यक्ष जयदीप सकलानी एवं पेंशनर संगठन क़े ओमबीर सिंह ने कहा कि पृथक राज्य की परिकल्पना क़े उद्देश्य से हमारी सरकारें क्यों भटक रहीं हैं 42 शहादतें और आमजन क़े संघर्ष कों इस तरह दर किनार नहीं किया जा सकता जल्द ही सभी प्रदेश वासी राज्य बचाने कों सड़कों पर् दिखाई देंगें।
बैठक में प्रेम बहुखंडी , द्वारिका बिष्ट , प्रभा नैथानी , अरुणा थपलियाल , आशिष नौटियाल , सुदेश सिंह , परमेश्वरी नेगी , सरिता जुयाल , तारा पाण्डे , मोहन सिंह रावत , सुशील चमोली ,मुन्नी खंडूड़ी , संगीता रावत , राजेश्वरी रावत , बीर सिंह रावत , विनोद असवाल , सुनील नौगांई , धर्मानंद भट्ट , मधु थपलियाल , प्रभात डण्डरियाल , रामलाल खंडूड़ी , सुमन भण्डारी , प्रदीप कुकरेती , रामभरोसे भट्ट , सुमन भण्डारी , संजय जुयाल आदि मौजूद रहे।