डीजी एजुकेशन बंशीधर तिवारी ने दो महत्त्वपूर्ण आदेश जारी कर दिया शिक्षकों को कड़ा आदेश

देहरादून

उत्तराखंड शिक्षा विभाग महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दो महत्वपूर्ण आदेश जारी कर शिक्षकों को दिया कड़ा संदेश।

डीजी एजुकेशन तिवारी का पहला आदेश उन शिक्षकों को लेकर है जो सेटिंग के बल पर कई सालों तक सुगम में एक ही जगह पर डटे हुए है। जबकि दूसरा आदेश ऐसे शिक्षकों और शिक्षा विभाग में नेतागिरी करने वाले कर्मचारियों को लेकर है जो कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन करते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने ऐसे कई शिक्षकों को लेकर कड़ा रुख अपनाया गया है जो स्थानांतरण अधिनियम की कुछ खास धाराओं के कारण दुर्गम क्षेत्रों में स्थानांतरित नहीं किए गए। इसके कारण शिक्षा विभाग में ही तैनाती को लेकर परेशानियां खड़ी हो रही है।

ऐसे मामलो में कड़ाई दिखाते हुए शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आदेश देते हुए यह स्पष्ट किया है कि कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों को दुर्गम में स्थानांतरण से छूट मिली हुई है जिसके कारण इसे कई शिक्षक और कर्मचारी कई सालों से एक ही जगह पर जमे हुए है। लेकिन अब ऐसे कर्मचारियों को एक जगह पर 4 साल पूरे होने की स्थिति में सुगम क्षेत्र के ही दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित किया जाएगा। वहीं पद रिक्त न होने की स्थिति में कर्मचारियों को पारस्परिक रूप से भी स्थानांतरित किया जा सकता है।

यही नहीं आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो भी प्रवक्ता सहायक अध्यापक व कर्मचारी विभिन्न संस्थाओं में कई सालों से कार्यरत है और उनका नाम पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है। ऐसे शिक्षक व कर्मचारियों को 4 साल से अधिक समय तक एक ही जगह पर कार्यरत होने की स्थिति में अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाएगा और इन्हें एससीईआरटी या डायट में तैनाती नहीं मिल पाएगी।

यदि ऐसे शिक्षक पात्रता सूची में सम्मिलित नहीं है तो उन्हें पात्रता सूची में सम्मिलित किए जाने की कार्रवाही सुनिश्चित की जाएगी।

शिक्षा महानिदेशक की तरफ से अगले आदेश में शिक्षकों और विभाग में नेतागिरी करने वाले ऐसे कर्मचारियों को इंगित किया। गया है जो सोशल मीडिया पर बयान बाजी करते हैं। इस आदेश में भी स्पष्ट किया गया है कि जिस तरह से खुले रूप में शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे हैं उससे शिक्षा विभाग की छवि भी धूमिल होती है। लिहाजा ऐसे किसी भी बयान पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। इसके बावजूद भी यदि कोई शिक्षक और कर्मचारी सोशल मीडिया पर बयान बाजी करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाही की जाएगी।

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