खुलासा….राजस्थान से चार सायबर ठग किये दूंन पुलिस ने गिरफ्तार

देहरादून
नेहरू कॉलोनी के प्रेम सिंह धनाई ने olx पर पोस्ट क्या डाली सायबर ठगों ने निकाल दिए पैसे,पुलिस ने सुराग पकड़ते हुए ओर गैंग का ही भांडा फोड़ कर दिया।
प्रेम सिंह धनाई पुत्र दिलीप सिंह धनाई, निवासी: 33 बी देवांचल विहार, धर्मपुर डांडा, नेहरू कालोनी देहरादून ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि उनके द्वारा अपना पुराना सामान बेचने के लिये ओ0एल0एक्स0 पर एक एैड डाला गया था, जिसके कुछ समय पश्चात् उक्त सामान को खरीदने के लिये उनके पास एक व्यक्ति द्वारा फोन कर खुद को आर्मी परसन बताते हुए उक्त सामान को खरीदने की बात कही गयी तथा सामान का भुगतान उनके खाते में डालने की बात कहकर उनके मोबाइल में आये हुए एक नम्बर के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी। जैसे ही उनके द्वारा उक्त नम्बर को उक्त व्यक्ति को बताया गया, उसके कुछ समय पश्चात उनके खाते से रू0 34000/- निकल गये । शिकायतकर्ता द्वारा दी गयी। लाॅक डाउन के दौरान ओ0एल0एक्स0 व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से लोगों के साथ साइबर ठगी करने वाले व्यक्तियों की गिरफ्तारी तथा आमजनमानस से हो रही इस प्रकार की ठगी को रोकने के लिये पुलिस अधिकारियों ने साइबर सेल प्रभारी उ0नि0 नरेश राठौड़ के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा थाना नेहरू कालोनी में पंजीकृत उक्त अभियोग में संलिप्त अभियुक्तों के मोबाइल नम्बरों तथा उनके द्वारा इस्तेमाल किये जा रहे पेटीएम एकाउण्ट्स के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो उक्त मोबाइल नम्बरों तथा जिन नम्बरों पर पेटीएम एकाउण्ट्स बनाये गये थे, उनकी लोकेशन भरतपुर राजस्थान में होनी पायी गयी। जिस पर उ0नि0 नरेश राठौड़ के नेतृत्व में दिनांक: 05-09-2020 को एक टीम भरतपुर राजस्थान रवाना की गयी। टीम द्वारा भरतपुर व उसके आस-पास के क्षेत्र में इस प्रकार के अपराधों में लिप्त रहे अपराधियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। जिनके माध्यम से पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि अरबाज खान नामक एक व्यक्ति पूर्व से गैंग बनाकर इस प्रकार के कृत्यों में सलिंप्त रहा है तथा वर्तमान में भी इसी प्रकार के अपराधों को अंजाम दे रहा है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अरबाज खान के विषय में गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त करते हुए उस पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी गयी। इसी दौरान पुलिस टीम को अरबाज खान के साथ ही अन्य तीन युवक भी पुलिस टीम द्वारा 8 सितम्बर को जनपद भरतपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों की तलाशी लेने पर उनके पास से आर्मी परसन के फर्जी आधार कार्ड, आई0डी0कार्ड, आधार कार्ड, आर्मी कार्ड व मोबाइल फोन बरामद हुए। अभियुक्तों से प्राप्त मोबाइलों को चैक करने पर उसमें फर्जी आई0डी0 से बने कई फेसबुक एकाउण्ट तथा पे0टी0एम0 एकाउण्टस, जो आर्मी परसन्स की आई0डी0पर बनाये गये थे, मिले। अभियुक्तों को मौके से गिरफ्तार कर देहरादून लाया गया, जिन्हें माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
अभियुक्तों में
01: अरबाज खान पुत्र फजरूद्दीन निवासी: ग्रा0 पेरई, पो0 उचेडा, थाना जुरेडा, जिला भरतपुर राजस्थान। *(व्यवसाय: रिक्शा चालक का काम)*
02: तालीम खान पुत्र नजीर अहमद निवासी: ग्रा0 पेरई, पो0 उचेडा, थाना जुरेडा, जिला भरतपुर राजस्थान। उम्र लगभग: 20 वर्ष *(व्यवसाय: कार चालक का काम)*
03: अफरोज पुत्र हारून, निवासी: अनाज मण्डी के सामने थाना कामा, जिला भरतपुर राजस्थान । उम्र लगभग: 20 वर्ष *(व्यवसाय: कार मिस्त्री का काम)*
04: तालीम खान पुत्र जाकिर हुसैन, निवासी: अनाज मण्डी के सामने थाना कामा, जिला भरतपुर राजस्थान ( 21 ) के साथ ही ये सामान भी बरामद किया जिसमें कुल 45 हजार रू0 नगद,23 फर्जी आर्मी कैन्टीन स्मार्ट कार्ड,45 फर्जी आधार कार्ड , 08 आर्मी आई0डी0 कार्ड,42 पैन कार्ड,05 मोबाइल फोन मय सिम कार्ड ,6 प्री- एक्टीवेटेड सिम ,आर्मी ड्रेस में 04 फर्जी आधार कार्ड भी मिले।
पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना अरबाज खान द्वारा बताया गया कि तालीम उसी के गांव का रहने वाला तथा अफरोज व तालीम खान पुत्र जाकिर हुसैन उसे बगल के गांव के रहने वाले है, वे बचपन से ही एक दूसरे को जानते हैं, उनके गांव व आस-पास के क्षेत्र के अधिकतर लोग इसी प्रकार के अपराधों में संलिप्त हैं। कुछ समय पूर्व उसकी तथा उसके साथियों की पहचान भरतपुर में ही रहने वाले नवाब नाम के एक व्यक्ति से हुई जिसके द्वारा उन्हें इस प्रकार के अपराधों को करने के सम्बन्ध में सारी जानकारी दी गयी, हम लोग ओ0एल0एक्स में आर्मी परसन के नाम से गाडी विक्रय करने के सम्बन्ध में एड डालते हैं, जिस क्षेत्र में हमे ठगी करनी होती है, हम उसी क्षेत्र की गाडी का नम्बर व उसी क्षेत्र अथवा उसके आस-पास के क्षेत्र से सम्बन्धित आर्मी परसन की आई0डी0 का इस्तेमाल करते हुए आर्मी परसन का स्मार्ट कार्ड व आईडी कार्ड व आर्मी ड्रेस की फोटो वाहन के साथ OLX पर अपलोड करते हैं। जिससे आम आदमी हमें आर्मी वाला समझ कर आसानी से हमारे झांसे में आ जाता है। फिर हम उससे एडवांस के रूप में पेटीएम, गूगल पे अथवा एकाउण्ट के माध्यम से पैसा मंगवा लेते हैं। हम अधिकतर छोटे-छोटे एमाउण्ट के रूप में लोगों से पैसा अपने खातों में मंगाते हैं, जिससे कि उन्हे शक न हो और वह आसानी से उक्त पैसों को हमारे खातों मे डलवा सकें। पैसा हमारे खाते में आने के उपरान्त जब तक उक्त व्यक्तियों को इस बात का एहसास होता है कि उनके साथ ठगी हो गयी है तब तक हम लोग उन मोबाइल नम्बरों को स्विच आफ कर देते हैं। लोगों से ठगी गई धनराशि का इस्तेमाल हम इधर उधर घूमने तथा अपने शौक को पूरा करने के लिए करते हैं । अब तक हमने इसी तरह लगभग 300 व्यक्तियों के साथ ठगी की है।

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