देहरादून
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजभवन में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से उनकी चुनौतियां एवं भविष्य के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा सेंटर ऑफ सॉलूयशन की भूमिका में आए। उन्होंने विश्वविद्यालयों को राज्य की समस्याओं के आउट ऑफ बॉक्स समाधान पर कार्य करने को कहा। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि विश्वविद्यालय सोच, विचार और ज्ञान के योद्धा है। विश्वविद्यालय विचार क्रांति के केंद्र हैं। भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने में विश्वविद्यालयों के अग्रणी भूमिका है। राज्य विश्वविद्यालयों को जवाबदेही से कार्य करना है। विश्वविद्यालय जनहित के लिए कार्य करें। उत्तराखंड के किसानों की आय बढ़ाने, महिला स्वयं सहायता समूहो को सशक्त करने, ट्रांसफॉरमेशन, समाज में मौलिक परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों के अति महत्वपूर्ण भूमिका है।
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना सभी विश्वविद्यालयों को एकजुट होकर करना है। हमें उत्तराखंड को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर लाना है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार को निर्देश दिए कि राज्य के 13 जनपदों में 13 ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाए जिन्होंने कृषि एवं औद्यानिकी के क्षेत्र में स्व प्रयासों से उत्कृष्ट कार्य किया हो। इन 13 उत्कृष्ट कृषकों एवं बागवानों को आगामी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यपाल राजभवन में पुरस्कृत करेंगे। राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी को निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए 11 गांवों मे ड्रग्स के विरुद्ध युवाओं को जागरूक करने हेतु अभियान चलाया जाए तथा नशा मुक्ति के संबंध में राज्य विश्वविद्यालयों की भूमिका पर एक कार्ययोजना तैयार की जाए।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिए कि राज्य के 10 पर्वतीय जनपदों में महिला स्वयं सहायता समूहो की आय को बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय स्किल अपग्रेडेशन एवं महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकास हेतु शोध एवं अध्ययन के माध्यम से योगदान दें। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने विश्वविद्यालयों को डिग्रियों को और अधिक रोजगारपरक बनाने तथा युवाओं मे स्वरोजगार की प्रेरणा जगाने के लिए कार्य करने के भी निर्देश दिए। राज्यपाल ने कहा कि युवाओं को वोकेशनल एजुकेशन के प्रति जागरूक करना होगा। राज्यपाल ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय तथा उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय से कहा कि योग, आयुर्वेद एवं संस्कृत उत्तराखंड की सबसे बड़ी शक्ति है। संस्कृत शिक्षा तथा आयुर्वेद से जुड़े विश्वविद्यालय योग, आयुर्वेद और संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गंभीरता से कार्य करें।
बैठक के दौरान विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति की मजबूती, प्रशासनिक ढांचे की सततता तथा कोविड-19 के दौरान परीक्षाओं के आयोजन से संबंधित चुनौतियों के बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में एचएनबी मेडिकल एजुकेशन कॉलेज के कुलपति डॉ हेम चंद्र पांडे, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी, भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओ पी नेगी, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ सुरेखा डंगवाल सहित समस्त राज्य विश्वविद्यालयो के कुलपति उपस्थित थे।