देश दुनिया में उत्तराखंड की महिलाओं ने भी किया है प्रदेश के साथ परिवार का नाम रोशन,गौरादेवी जैसे नाम भी इन्ही में हैं,सैनिक बॉर्डर पर हो तो भी मां बहन पत्नी ही संभालती हैं घर.. ऋतु खंडूरी

देहरादून

नाबार्ड हस्तशिल्प मेला 2023 में सातवे दिन मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने ने प्रतिभाग किया और हस्तशिल्पियों के स्टॉल्स पर निरीक्षण कर उनसे बातचीत भी की।

उन्होंने कहा कि मेले में सुदूर जिलों से हतशिल्पी महिलाएं इस मेले में पहुंची धन्य है इनको जो अपने घर परिवार को छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर पहुंची हैं।

नारी सदैव शक्ति का प्रतीक है,उत्तराखंड की नारी हमेशा आगे रही है। हमारा प्रदेश सैनिक प्रधान प्रदेश रहा है और अगर सैनिक बॉर्डर पर है तो उनके पीछे मां बहन बेटी और पत्नी ने संभाला है पूरा घर परिवार। पहाड़ की बेटियों ने खुद ऐसे ऐसे काम किए कि दुनिया ने दांतो तले उंगली दबा ली।

गौरा देवी, तीलू रौतेली अपने साहस और वीरता के चलते आज दुनिया की महिलाओं में अपने और अपने परिवार के नाम को रोशन करने के साथ ही उत्तराखंड की महिलाओं का नाम भी देश दुनिया में अमर कर दिया।

भारत के साथ ही उत्तराखंड के हस्तशिल्प की दुनिया भर में भारी डिमांड हमेशा से रही है।

मंगलवार को मेले में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के साथ,उत्तरांचल प्रैस क्लब के अध्यक्ष अजय राणा, नाबार्ड के सीजीएम विनोद बिष्ट,डीजीएम आलोक गुप्ता,उद्योगपति विशाल मोर्या और अन्य के साथ मेले में लगी हस्तशिल्पियों की स्टॉल्स का निरीक्षण कर उनसे रूबरू भी हुए।

1नवंबर से रेसकोर्स श्री गुरु नानक गर्ल्स स्कूल ग्राउंड में नाबार्ड हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया गया।

बताते चलें कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण, संस्थान निर्माण और विकासात्मक पहलों के माध्यम से प्रभावशाली हस्तक्षेप के 4 दशक पूरे कर लिए हैं। नाबार्ड ने कृषि – वित्त, बुनियादी ढांचे के विकास, बैंकिंग प्रौद्योगिकी, एसएचजी और जेएलजी, एफपीओ, ओएफपीओ और अन्य के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस और ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देकर भारतीय गांवों में जीवन बदल दिया है।

नाबार्ड ने गैर कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई प्रचार की योजनाएं विकसित की हैं। नाबार्ड आधारभूत स्तर पर आवश्यकता के अनुसार, अपनी योजनाओं को बनाने, परिष्कृत और तर्कसंगत बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। उन कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जो कौशल के विकास को सक्षम बनाते हैं, विपणन के लिए अवसरों को बढ़ावा देते हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे, कुटीर और ग्रामीण उद्योगों, हथकरघा, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामीण शिल्प और सेवा क्षेत्र के उत्पादकों के समूहों को बढ़ावा देते हैं।

उत्पादकों को बेहतर विपणन में मदद करने के लिए, नाबार्ड ग्रामीण हाट, मार्ट स्थापित करने और क्षेत्रीय, राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में कारीगरों और शिल्पकारों की भागीदारी बढ़ाने के लिए समर्थन दे रहा है जिसके लिए ऐसे मेलों का आयोजन किया जाता रहा है।

इससे कई एसएचजी/एफपीओ/ ओएफपीओ/कारीगरों को शहरी बाजारों तक पहुंचने में मदद मिली है। प्राप्त अनुभव ने उन्हें उभरते बाजार की प्राथमिकताओं के अनुरूप अपनी उत्पाद श्रृंखला और विपणन रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद की है।

उत्तराखंड राज्य सहित देश के विभिन्न हिस्सों से कारीगरों द्वारा अपने राज्य के प्रमुख हस्तशिल्प उत्पादों सहित हस्तशिल्प मेले में सहभागिता कर रहे हैं। हस्तशिल्प मेले में 5 दर्जन से ज्यादा स्टॉल लगाए गए।

मेले में विभिन्न उत्पाद जैसे- कश्मीर का पश्मीना शाल, हिमाचल प्रदेश का गिलोय मिश्रित अचार तथा हिमाचली टोपी, झारखंड की जादोपटिया तथा सोहराय चित्रकारी, कर्नाटक बीड आभूषण, मध्यप्रदेश के बाग प्रिंट उत्पाद, पंजाब के फुलकारी सूट, राजस्थान के बागरु हैंड ब्लॉक प्रिंट (जीआई) उत्पाद , तेलंगाना के कढ़ाईगीरी उत्पाद, उत्तरप्रदेश के टेराकोटा तथा जूट उत्पाद, हरियाणा की जयपुरी रज़ाई तथा सुजनी आदि मुख्य आकर्षण के रूप में उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त मेले में उत्तराखंड के सभी जीआई (GI) उत्पाद यथा तेजपात, बासमती चावल, ऐपण, दन, मूंसयारी राजमा, रिंगाल, टमटा उत्पाद, थुलमा एवं च्यूरा से निर्मित सामग्री भी प्रदर्शित की गई जिसकी जोरदार बिक्री से दुकानदार और हस्तशिल्पी गदगद दिखे।

मेले में प्रदर्शनी तथा बिक्री में देश भर के हस्तशिल्पि अपनी गतिविधियों में व्यस्त हैं इसके साथ ही कुछ हस्तशिल्प मौके पर ही अपने उत्पाद बना रहे हैं।

मेले में बायर सेलर मीट का आयोजन किया गया जिसमें एसएस नेगी, एन एस शर्मा, हरिद्वार से केशव लखेड़ा,विशाल मौर्य, हरिद्वार से लक्ष्मी बहुगुणा,दिनेश सिंसवाल, नोएडा से रविन्द्र सिंघला,आदि ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर उत्तरांचल  प्रेस क्लब के अध्यक्ष अजय राण,सीजीएम विनोद बिष्ट,डीजीएम आलोक गुप्ता, एजीएम एचपी चंदेल, एजीएम अमित कुमार सुमेर चंद,ग्रामीण बैंक , पशुपालन विभाग के अधिकारी और भारतीय ग्रामोत्थान संस्था के निदेशक अनिल चंदोला,अरुण चंदोला उपस्थित रहे।

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