समाज मे कोरोना जैसी महामारी में भय कम करने और शंका का समाधान चिकित्सक ही कर सकते हैं…पद्मश्री रविकांत

देहरादुन/ऋषिकेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड फेमिली डॉक्टर्स डे मनाया गया।

समाज के बीच स्वास्थ्य के साथ साथ भ्रांतियों के समाधान में फेमिली चिकित्सकों की भूमिका को इस मौके पर अहम बताया गया। वर्ल्ड फेमिली डॉक्टर्स डे पर वक्ताओं ने कहा कि फेमिली फिजिशियन्स जो कि मुख्यरूप से समाज के बीच जाकर अपनी सेवाएं देते हैं, उन्हें कम्यूनिटी में एक चिकित्सक के साथ साथ पारिवारिक सदस्य की तरह भूमिका निभानी होती है। इस दौरान चिकित्स का समाज से जुड़ाव किस तरह हो तथा वह आम लोगों तक चिकित्सा सुविधाएं कैसे पहुंचाएं इस विषय पर चर्चा की गई। जिससे डॉक्टर आम लोगों की स्वास्थ्य संंबंधी दिक्कतों से रूबरू हो सके। बताया गया कि इस दिवस पर हरसाल 19 मई को मनाया जाता है, एम्स में कम्यूनिटी एंड फेमिली मेडिसिन विभाग की ओपीडी द्वारा लोगों को यह सुविधाएं दी जाती हैं। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि कोविड 19 जैसी महामारी के समय में प्राइमरी केयर फिजिशियन्स की चुनौतियां बढ़ गई हैं। फेमिली फिजिशियन मरीज के फ्रस्ट कांटेक्ट होते हैं और कम्यूनिटी के सबसे नजदीक यही चिकित्सक रहते हैं,लिहाजा उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं से विहीन दूर दराज के क्षेत्रों व समाज में कोविड जैसी भयावह महामारी के प्रति लोगों को जागरुक करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि समाज में कोविड को लेकर फैल रही भ्रांतियों व समाज में व्याप्त भय के वातावरण को कम करने व उनकी शंकाओं के समाधान में यह चिकित्सक अहम योगदान दे सकते हैं। वर्ल्ड डॉक्टर्स डे पर संस्थान की कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा किशोर ने कोविड 19 महामारी में फेमिली फिजिशियन्स की भूूमिका को अहम बताया, कहा कि देश में फेमिली फिजिशियन फ्रंट लाइन वर्कर बनकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।इस अवसर पर विभाग की प्रोफेसर वर्तिका सक्सेना ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर एकेडमी ऑफ फेमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के स्टेट प्रेसिडेंट डा. संतोष कुमार ने बताया कि इस दिवस पर एक फेसबुक पेज www.facebook.com/FemilyMedicineAIIMS बनाया गया है, जिसमें कोई भी व्यक्ति कोविड महामारी के संदर्भ में अपनी शंकाओं व प्रश्नों का समाधान जान सकते हैं। इस अवसर पर डा. महेंद्र सिंह, डा. भावना, डा. क्रांति, डा. दीपक, डा. ​कादिर, डा. रिहान, डा. आशुतोष, डा. अंजलि आदि मौजूद थे।

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