देहरादून
प्रदेश के मुख्यमंत्री, पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और निरन्तर प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों के दौरान यूपीसीएल द्वारा विद्युत वितरण क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उत्तराखण्ड राज्य में विगत वर्षो में विद्युत आपूर्ति की मांग में लगभग 10 प्रतिषत से अधिक की वृद्धि हुई है। ऐसे में यूपीसीएल द्वारा एक मजबूत विद्युत वितरण प्रणाली की स्थापना के साथ-साथ परिचालन एवं व्यवसायिक दक्षता में सुधार हेतु अहम कदम उठाये गये हैं। लगातार बढ़ रही मांग की प्रतिपूर्ति करने हेतु यूपीसीएल द्वारा विगत वर्शों में वितरण क्षेत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाया गया है जिसमें नये उपसंस्थानों का निर्माण तथा नई लाईनें प्रदेश भर में स्थापित की गई है। साथ ही वर्श 2023-24 में प्रदेशभर में सभी पौषकों पर विद्युत संतुलन बनाये रखने हेतु लगभग 4350 वितरण परिवर्तक स्थापित किये गये हैं। साथ ही एनर्जी एकाउन्टिंग को बेहतर बनाने हेतु 59212 वितरण परिवर्तक एवं 2602 पोशकों पर भी स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं जिससे बिजली व्यवस्था की डिजिटलीकरण, ऑटोमेशन और दक्षता में बढ़ोत्तरी होगी और विद्युत हानियों को भी कम किया जायेगा।
चूंकि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं यथा आर.डी.एस.एस. स्कीम की ए.एम.आई.एस.पी. एण्ड लॉस रिडक्शन वर्तमान में कार्यशील है एवं इन योजनाओं का मुख्य उददेष्य विद्युत हानियों को न्यूनतम कर उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराना भी है जिसके लिए भारत सरकार द्वारा योजना के अन्तर्गत मानक भी निर्धारित किये गये हैं जिनमें सभी वितरण कम्पनियों को अर्हता पूर्ण करना अनिवार्य है।
इनमें मुख्य मानक वित्तीय स्थायित्व जैसे ACS -ARR, AT&C हानियाँ इत्यादि जैसे मानक भी षामिल हैं।
इसी क्रम में यूपीसीएल द्वारा प्रबन्ध निदेषक के नेतृत्व में अपनी बिलिंग एवं कलेक्शन दक्षता में सुधार करते हुए विगत 5 वर्षों में AT &C हानियों का रिकार्ड बना जिसमें लगभग 5.8 प्रतिशत की कमी लाई गई है जो कि यूपीसीएल के लिए एक सराहनीय कदम है।
बताते चलें कि यूपीसीएल का वर्श 2019-20 में, AT & C हानियाँ 20.44 प्रतिशत थी जिसको लगातार कम करते हुए वित्तीय वर्श 2023-24 में 14.64 प्रतिषत पर ले आया गया है। प्रबन्ध निदेशक द्वारा अवगत कराया गया है कि ।
AT & C हानियों को कम करना डिस्कॉम की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिये महत्वपूर्ण है तथा हानियाँ कम होने से राजस्व में वृद्वि, तकनीकी उन्नति, मांग-आपूर्ति में संतुलन के साथ-साथ हानियों को कम होने से बचत प्राप्त होती है जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करायी जा सकती है। भविष्य में भी यूपीसीएल द्वारा स्मार्ट मीटरिंग की प्रणाली की स्थापना, स्काडा एवं आर.टी.-डैस सिस्टम जैसी तकनीकों का उपयोग इत्यादि भी विद्युत हानियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
यूपीसीएल द्वारा पिछले पांच वर्षों के AT & C हानियों का विवरण निम्नवत् है…