नरेंद्रनगर टिहरी के पसर गाँव मे आतंक के आदमखोर गुलदार को शिकारियों ने किया ढेर,अब गुलदार नोड़ू काटल में दिखने से ग्रामीणों मे दहशत – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

नरेंद्रनगर टिहरी के पसर गाँव मे आतंक के आदमखोर गुलदार को शिकारियों ने किया ढेर,अब गुलदार नोड़ू काटल में दिखने से ग्रामीणों मे दहशत

देहरादून/नरेंद्रनगर

टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक की धर्मादस्यूँ पट्टी के पसर गांव में आतंक का पर्याय बने गुलदार, को शिकारी दल मार गिराया है, गुलदार ने बीती सोमवार को यहां एक ग्रामीण को निवाला बना दिया था। इस आदमखोर गुलदार ने 28 जनवरी को बेरनी के ओडाडा गांव में एक महिला को अपना शिकार बनाने के साथ ही एक बालिका सहित दो लोगो को घायल कर किया था।

सोमवार को पसर गांव निवासी राजेंद्र सिंह उर्फ भगव (60) पुत्र जीवा सिंह पर गुलदार ने सुबह उनके घर के आंगन में ही हमला कर दिया था। गुलदार राजेंद्र सिंह को घसीट कर करीब तीन किलोमीटर दूर जंगल में ले गया जहां से बाद में राजेंद्र सिंह का शव बरामद किया गया।

इस दर्दनाक घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश था, जिसको लेकर विरोधस्वरूप ग्रामीणों ने पसर तथा तलाई मतदान केंद्र पर मतदान का भी बहिष्कार किया। जिसके बाद जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव भी गांव में पहुंची तथा ग्रामीणों को शांत कराया था।उसके बाद वन विभाग ने यहां दो शिकारियों के साथ विभागीय दल को तैनात किया था। मंगलवार दोपहर करीब सवा दो बजे शिकारी दल के सदस्य बलवीर सिंह ने पसर गांव से नीचे जंगल में आदमखोर गुलदार को ढूंढकर मार गिराया। वन क्षेत्राधिकारी विवेक जोशी ने बताया कि मारा गया गुलदार आदमखोर था। गुलदार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि गुलदार के आदमखोर होने के कारणों का पता किया जा रहा है। पूर्व ग्राम प्रधान जोत सिंह रावत ने बताया कि गुलदार के हमले से ग्रामीण बेहद भयभीत थे। लोग अपने बच्चों को भी स्कूल नहीं भेज पा रहे थे। गुलदार के मारे जाने से ग्रामीणों के साथ विभाग और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।

इसी बीच सोमवार रात को धमांदस्यूं पट्टी के ही नौडू काटल क्षेत्र में भी गुलदार दिखाई दिया। पूर्व उप प्रधान सुरेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि सोमवार रात्रि करीब आठ बजे गुलदार नौडू निवासी जयपाल सिंह के घर में आ धमका। उस समय घर के सदस्य खाना खा रहे थे। उन्होंने आशंका जताई कि पसर गांव में मारे गए आदमखोर गुलदार के अलावा भी क्षेत्र में कोई और गुलदार भी सक्रिय हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि नौडू काटल के बच्चों को जंगली रास्ते से कई किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता है। सक्रिय गुलदार के कारण ग्रामीणों में सुरक्षा को लेकर भय व्याप्त है। उन्होंने वन विभाग से क्षेत्र में सक्रिय गुलदारों की पहचान करने और पिंजरा लगाने की मांग की है। जिसको लेकर विभाग जल्द ही पिजरा लगाने की बात कर रहा है।

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