देहरादून
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने उत्तराखंड राज्य वन विभाग, उत्तराखंड CAMPA द्वारा और ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के सहयोग से देहरादून में “वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और उनके नवीनतम संशोधन” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
यह कार्यशाला पर्यावरणीय कानूनों के अद्यतन और उनके कार्यान्वयन पर चर्चा के लिए वन अधिकारियों, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं ने एक मंच पर साझा किया।
इस कार्यशाला के प्रमुख उद्देश्य :
वन (संरक्षण एवं संवर्धन) अधिनियम, 1980 के संशोधनों और उनके प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना, वन संरक्षण प्रस्तावों की तैयारी और अनुमोदन में आने वाले अंतरालों की पहचान करना और उन्हें पाटना, PARIVESH 2.0 पोर्टल पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के उपयोग पर वास्तविक मामलों का अध्ययन प्रस्तुत करना थे।
डॉ. प्राची गंगवार, उप महानिरीक्षक (MoEFCC, लखनऊ), ने पहले तकनीकी सत्र की शुरुआत वन संरक्षण अधिनियम के नवीनतम संशोधनों के विस्तृत विश्लेषण से की। उन्होंने बताया कि ये संशोधन उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों की अनूठी चुनौतियों को कैसे संबोधित करते हैं।
राजाराम सिंह, उप महानिरीक्षक (MoEFCC, चंडीगढ़), ने वन संरक्षण प्रस्तावों की तैयारी और अनुमोदन में आने वाले आम समस्याओं पर चर्चा की।
उन्होंने प्रस्ताव अनुमोदन प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए एक संरचित रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें एजेंसियों के बीच संवाद को सुगम बनाने पर जोर दिया गया। श्री गौरव चमोली, तकनीकी टीम लीडर (NIC, नई दिल्ली), ने PARIVESH 2.0 पोर्टल के उन्नत फीचर्स पर वहारिक प्रशिक्षण दिया। यह पोर्टल वन क्लीयरेंस मामलों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। डॉ. विपिन गुप्ता, उप निदेशक (MoEFCC, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून), ने वन क्लीयरेंस मामलों में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के वास्तविक अनुप्रयोगों पर आधारित केस स्टडी प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में निम्नलिखित सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति रही।
मुख्य अतिथि के रूप में सुबोध उनियाल,वन मंत्री, उत्तराखंड,डॉ. धनंजय मोहन, आईएफएस, पीसीसीएफ-होएफएफ, उत्तराखंड, संतोष तिवारी IFS उप महानिदेशक वन, MoEFCC, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून भारत सरकार,बी. पी. गुप्ता प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन पंचायत), उत्तराखंड सरकार,
जी.एस. पांडेय प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड वन विकास निगम, उत्तराखंड सरकार,आर. के. मिश्रा प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव एवं नोडल अधिकारी), उत्तराखंड सरकार,आर. के. शर्मा (Retd IFS) प्रो-चांसलर, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून, ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स।
नीलिमा शाह IFS सहायक महानिरीक्षक वन, MoEFCC, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून भारत सरकार,
डॉ. विपिन गुप्ता उप निदेशक, MoEFCC, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून भारत सरकार,हरे राम कुमार तकनीकी अधिकारी, MoEFCC, क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून भारत सरकार तथा क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून (MoEFCC) और राज्य वन विभाग की पूरी टीम मौके पर मौजूद थी।