उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को न निकाल पाना राज्य और केंद्र सरकार की आपदाप्रबंधन नीति की असफलता… यशपाल आर्य

देहरादून/उत्तरकाशी

बड़कोट यमनोत्री राजमार्ग मेबनिर्मानाधीन सिल्क्यारा टनल मे पिछले 9 दिनों से फंसे श्रमिकों के मामले मे आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण व पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत ने घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण कर मामले को गंभीर बताया।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सिल्क्यारा टनल के मामले ने न केवल प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है । 1 सप्ताह से ज्यादा समय देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे पर अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग 5 किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं। अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे तो निर्माण करने वाले विभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।

इस दौरान पूर्व विधायक सजवाण ने कहा कि इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है। इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। जबकि परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजलवाण, मनीष राणा,प्रदीप कैंतुरा,सतेंद्र कुमाई, नत्थी लाल,सुरेंद्र पाल सिंह, बिजेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे।

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