देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया है कि 31 मार्च, मंगलवार को लाॅकडाऊन के कारण फंसे लोगों को राज्य के भीतर अपने घर जाने की जो व्यवस्था की गई थी, उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में एक जिले से दूसरे जिले में मूवमेंट को भी रोके जाने को कहा गया है। हमें देश को कोरोना से मुक्त करने के लिए और सख्ती से लाॅकडाऊन को लागू करना है। इससे कुछ कष्ट हो सकता है परंतु यह हम सभी के हित में है।
उधर, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन उत्पल कुमार सिंह ने अपने सचिवालय सभाकक्ष से वीडियो कांफे्रसिंग (वीसी) के माध्यम से विभिन्न जनपदों के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को कोरोना वायरस कोविड-19 के चलते देशव्यापी लाॅक डाउन की अवधि के दौरान अन्तर्राज्य और अन्तर जनपदीय मूवमेंट की रोकथाम, क्वारेंटाइन पीरियड का अनुपालन करवाने, अनिवार्य खाद्य वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति बनाये रखने, जनपदों में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था इत्यादि सम्पादित करने के सम्बन्ध में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन करवाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने कहा कि लाॅकडाउन की सम्पूर्ण अवधि के दौरान जरूरी वस्तुओं के ट्रांस्पोर्टेशन, और जिलाधिकारी की अनुमति से विशेष आपातकालीन तथा अनिवार्य आवागमन को छोड़कर तत्काल प्रभाव से किसी भी मजदूर, कामगार, पर्यटक इत्यादि का अन्तर्राज्जीय मूवमेंट रोका जाय, जो जहां पर है उसे वहीं पर रोककर उनके लिए रहने, खाने-पीने, टाॅयलेट, मनोरंजन के लिए टीवी और रहने लायक साफ-सुथरे स्थल-भवन का इंतजाम करते हुए सामजिक दूरी (सोशल डिस्टेंशिंग) और संदिग्ध का अनिवार्य रूप से चैकअप इत्यादि करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सक्ती से कहा कि यदि अन्तर्राज्जीय आवागमन का किसी प्रकार से उल्लंघन होता है तो सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी।
उन्होंने कहा कि यदि अन्तरजनपदीय आवागमन की स्वीकृत प्रदान की जाती है तो इस दशा में यदि एक जनपद से दूसरे जनपद अथवा मैदान से पहाड़ा अथवा पहाड़ से मैदान हेतु व्यक्ति आवागमन करता है तो उनसे 14 दिन के क्वारेन्टाइन अनुपालन करवायें और इसके लिए स्थल/भवन का चयन कर लें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अन्तर जनपदीय आवागमन होता है फिर भी अन्तर्राज्जीय (एक राज्य से दूसरे राज्य ) आवागमन पूरी तरह प्रतिबन्धित रहेगा तथा इसमें किसी भी प्रकार की हीलाहवाली नही चलेगी। इसके लिए उन्होंने सभी अन्तर्राज्य बार्डर के बैरियर्स को बन्द करने के निर्देश दिये। साथ ही यह भी स्पष्ट किया ऐसे बड़े अथवा छोटे वाहन ट्रक-कैरियर्स जो कोई सामान एक राज्य से दूसरे राज्य अथवा जनपद में ले जा रहा है उसको जाने दिया जाय, जिससे सप्लाई चैन बरकरार बनी रहे, किन्तुं ऐसे वाहन चालकों से भी अनिवार्य सैनेटाइज और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करवाया जाय।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अपने जनपद में चिकित्सा व्यवस्था की क्षमता बढायें, स्टाॅफ तथा दवाओं की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में बनाये रखें, जनपद में ऐसे पैशेन्टस जो किसी विशेष बीमारी की दवा ले रहे हैं उनको दवा की उपलब्धता बनी रहे तथा उसके लिए आवागमन की भी सीमित अनुमति दी जाय। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार से मार्केट में और दुकानों में खाने-पीने की वस्तुओं की कमी ना रहने पाये, सब्जी के दाम नियंत्रण में रखे जायें, इसके लिए लगातार माॅनिटरिंग की जाय। उन्होंने कहा कि अगर अन्तर जनपदीय आवागमन का आदेश होता है तो उसके लिए आज और कल तक अन्तर जनपद में आवागमन करने वाले लोगों का सही अनुमान (ऐसेमेंट) करते हुए क्वारेन्टाइन स्थल-भवन की तत्काल व्यवस्था कर लें। जहां जरूरी बेसिक सुविधा हो और स्थल रहने योग्य हो। उन्होंने कहा कि लोगों को परिस्थिति की गंभीरता को बताते हुए समझायें कि जो जहां है वहीं रहें, और शासन-प्रशासन उनके लिए हरसंभव प्रयास उसी स्थान पर कर रहा है।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से कहा कि जो निर्माण कार्य वर्तमान में भी करवाये जा सकते हैं और जिनके लिए कच्चे माॅल की उपलब्धता आसानी से हो रही है ऐसे कार्य जारी रखे जाये। नेपाली तथा अन्य राज्यों के मजदूरों के पलायन के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि जहां-जहां ऐसे मजदूर काम कर रहे हैं वे वहीं बने रहें, जब-तक कि विदेश मंत्रालय भारत सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नही होते तब-तक जिस स्थान पर वे हैं वही बने रहें तथा प्रशासन उनके लिए भी उसी स्थल पर जरूरी खाद्य सामग्री एवं आवश्यक वस्तुओं की की व्यवस्था करेगा।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि लाॅक डाउन का सक्ती से पालन करवार्यें। कोई भी नियोक्ता जिसके यहां जितने मजदूर काम कर रहे हैं उन सभी को जितनी मजदूरी दी जा रही थी उतनी मजदूरी दी जाय तथा किसी भी प्रकार से मजदूरों का भुगतान नहीं रोका जायेगा। इसके अतिरिक्त कोई भी मकान मालिक मकान किराया नही लेगा तथा किसी को भी मकान खाली करने के लिए नहीं कहेगा। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो सम्बन्धित नियोक्ता (एम्प्लायर) के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम के अन्तर्गत सक्त कार्यवाही की जाय। इस दौरान विभिन्न जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लाॅक डाउन की अवधि की फीडबैक देते हुए भविष्य में की जा रही व्यवस्थाओं से अवगत कराया।
इस दौरान सभा कक्ष में अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी उपस्थित थे।