देहरादून
राज्य स्थापना दिवस की 25वीं बर्षगांठ के अवसर पर विभिन्न मांगों को लेकर आज उत्तराखण्ड आन्दोलनकारी संयुक्त परिषद के वैनर तले,आयूपी ,सीपीआईएम ,यूकेडी ,
जनवादी महिला समिति ,महिला मंच ,चिन्हीकरण राज्य आन्दोलनकारी समिति ,बरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी नेताजी संघर्ष समिति ,सीटू ,पीपुल्स फोरम उत्तराखण्ड,एस एफ आई, एआईएलयू आदि संगठनों संयुक्त रूप से परेड ग्राउंड में आमसभा के बाद जुलूस की शक्ल में गांधी पार्क से होता हुआ घण्टाघर में स्व इन्द्र मणि बडोनी की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गए।
इस अवसर पर वक्ताओं ने उत्तराखण्ड में काफी समय से एक सख्त भू-कानून की मांग उठाई जा रही है | इस मांग के मूल में एक सशक्त कानून के माध्यम से पहाड़ के लोगो की जमीन को बाहरी लोगों द्वारा लगातार खरीदा जा रहा है,को रोकना है , अन्यथा मूल आबादी ही राज्य में बेघर होकर रह जायेगी।
इस समय कोई भी व्यक्ति उत्तराखंड में 250 वर्गमीटर जमीन खरीद सकता है| किन्तु कमजोर भू कानून के कारण लगातार पहाड़वासी भूमिहीन एवं बेघरवार हो रहे है । वर्तमान डबल इंजन सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त नीतियोँ के परिणामस्वरुप पहाड़ों को छलनी छलनी किया जा रहा है । चोर दरवाजे से सरकारों द्वारा पहाड़ के नदी नालो ,घाटियों तथा पहाड़ो को देश के बड़े बड़े घरानों तथा भू माफिया के हवाले कर दिया गया है।
वक्ताओं ने कहा कि यहां तक कि उत्तराखण्ड के मुख्यसचिव जो आयेदिन भू कानून लागू करने हेतु सख्त आदेश निकालते रहते हैं ,उन्ही के राजपुर रोड़, रेसकोर्स भूमि पर भी कई स्थानों पर माफियाओं का कब्जा है ।
वक्ताओं ने कहा है कि उत्तराखण्ड में पीएसीएल ,गोल्डन फारेस्ट तथा अन्य कई भूमि घोटाले जिनमें सत्ता से जुड़े लोग ,आला अधिकारी तथा भू माफिया संलिप्त है इस सन्दर्भ उच्च आदेश के बावजूद कार्यवाही ठण्डे बस्ते पर हैं,इसके खिलाफ संघर्षरत लोगों संघर्षरत के खिलाफ झूठे मुकदमें आम बात है ।
इसके बाद जलूस कचहरी पहुंचा जहाँ शहिदो को श्रृद्धांजलि अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ,राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया ।ज्ञापन उपजिलाधिकारी सदर हरिगिरि द्वारा लिया गया तथा आवश्यक कार्यवाही हेतु आश्वासन दिया गया।
ज्ञापन में लिखी मांगे निम्नलिखित हैं …
(1) उत्तराखण्ड राज्य में मूल निवास तथा सख्त भू कानून को सख्ती से लागू किया जाऐ ताकि संविधान द्वारा प्रदत मूलनिवासियों की हितों की सुरक्षा सुनिश्चित हो ।
(2)उत्तराखण्ड के छूटे हुये आन्दोलनकारियों का चिह्ननिकरण अविलम्ब शुरू किया जाऐ ।इस प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाऐ ।चयन के लिये संयुक्त समिति का गठन किया जाऐ ।
(3)कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन की बहाली सुनिश्चित कि जाये ।
(4)राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के परिणामस्वरूप महिलाओं के खिलाफ बढते अपराध ,कमजोर वर्ग के उत्पीड़न व आपसी सदभाव बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित हो ।(5)राज्य में कारपोरेटपरस्त नीतियों के परिणामस्वरूप निजीकरण ,सरकारी नौकरियों में भारी कटौती तथा बढ़ती बेरोजगारी पर सख्ती रोक लगानी की कार्यवाही सुनिश्चित कि जाऐ ।
(6)राज्य में भूमाफियाओं,भ्रष्ट राजनेताओं तथा लालफीताशाही के नापाक गठबंधन से हो रहे नुकसान पर अविलंब रोक लगाई जाये ।
(7)राज्य के जल ,जंगल ,जमीन को हो रहे नुकसान पर अविलंब रोक लगाई जाये ।
(8)राज्य कि जनता के लिऐ निशुल्क शिक्षा ,स्वास्थ्य,बिजली,पानी की व्यवस्था तथा सार्वजनिक तथा सस्ते परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित कि जाऐ ।
(9)सेना में लागू अग्नबिर योजना को निरस्त करो ।
(10)तमाम भूमि घोटालों की जांच कि जाये ।
इस अवसर प्रमुख लोगों में नवनीत गुंसाई संरक्षक राकेशश्वर पोखरियाल अध्यक्ष संयुक्त परिषद,अनन्त आकाश सचिव ,सिपिआईएम ,
शिवप्रसाद देवली पूर्व जिलापंचायत अध्यक्ष देहरादून लेखराज ,पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ ,इन्दु नौडियाल उपाध्यक्ष ,जनवादी महिला समिति उत्तराखंड प्रमिला रावत ,केन्द्रीय उपाध्यक्ष यूकेडी ,निर्मला बिष्ट
बरिष्ठ नेत्री ,महिला मंच
सुरेन्द्र सिंह सजवाण
प्रदेश अध्यक्ष किसान सभा
चिन्हीकरण राज्य आन्दोलनकारी समिति बालेश बबानिया ,सुरेश कुमार /चिन्तन सकलानी ,मनोज ध्यानी,बरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारी जय प्रकाश उत्तराखण्डि,हिमान्शु चौहान,प्रभात डण्डरियाल ,जयकृत कण्डवाल,कृष्ण गुनियाल ,एस एस नेगी ,शम्भूप्रसाद ममगाई ,
अनुराधा ,अमित पंवार ,जगमोहन रावत ,रामपाल ,एजाज खान ,
सुशिल बिरमानी ,शान्ति प्रसाद भट्ट मौहम्मद इकबाल ,भगवन्त पयार ,अभिषेक भण्डारी,मोहन पंवार, हरिश कुमार आदि प्रमुख थे।