जनहित के काम कभी नहीं रूकने चाहिए…..सीएम तीरथ – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

जनहित के काम कभी नहीं रूकने चाहिए…..सीएम तीरथ

देहरादून

कोरोना पाजिटिव के बाद आइसोलेशन में रहते हुए मुख्यमंत्री वर्चुअली कर रहे हैं लगातार कामकाज
वर्चुअली आयोजित बैठक में अधिकारियों को मौसम की पूर्व चेतावनी सम्बन्धित परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के दिए निर्देश
वन भूमि हस्तांतरण से सम्बंधित लम्बित प्रकरणों की भी समीक्षा  कर रहे लगातार

कोरोना पाजिटिव होने के बाद आइसोलेशन में रहते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, बीजापुर सेफ हाउस से लगातार वर्चुअली शासकीय कामकाज कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि उनके संक्रमित होने का विकास कार्यों की प्रगति पर कोई प्रभाव न पड़े। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने विश्व मौसम विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित बैठक में वर्चुअली प्रतिभाग किया, जिसमें उन्होंने भारत सरकार की मौसम की पूर्वचेतावनी सम्बन्धित परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए ताकि इस परियोजनाओं का लाभ जनता को मिल सके। एक अन्य वर्चुअल बैठक में वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने मामलों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बीते सोमवार को कोविड-19 की जांच में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। तब से चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने खुद को बीजापुर सेफ हाउस में आइसोलेट किया है। आइसोलेट रहते हुए बीती शाम को उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने वर्चुअली अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। उनका मानना है कि संक्रमण की स्थितियों में एहतियात बरतना जरूरी है। लेकिन यदि संभव है तो आइसोलेशन में रहते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाना चाहिए।
मंगलवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विश्व मौसम विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित बैठक में कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए उत्तराखण्ड में पूर्व चेतावनी प्रणाली सयंत्र स्थापित किए जाने चाहिए। इस सम्बंध में चल रही केन्द्र की परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हमारा राज्य समय रहते हुए जन समुदाय को चेतावनी प्रदान करने पर शीघ्रता से काम कर रहा है। इसी क्रम में मुक्तेश्वर में डॉप्लर राडार संचालित हो चुका है तथा सुरकंडा मसूरी व लैंसडौन पौड़ी में शीघ्र ही डॉप्लर का कार्य शुरू किया जाएगा।
एस ऐ मुरुगेसन ,सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन एवं मौसम विभाग उत्तराखंड के सौजन्य से राज्य के संवेदनशील इलाकों में 176 अर्ली वार्निंग वेदर स्टेशन लगाए गए हैं। जिनमें 107 ऑटोमैटिक वैदर स्टेशन, 25 सफेश फील्ड ऑब्जर्वेटरी, 28 रेन गेज, 16 स्नो गेज शामिल हैं। इनके माध्यम से रियल टाइम डाटा द्वारा मौसम पूर्व सूचनाओं के माध्यम से आपदा की स्थिती में त्वरित राहत कार्यों को सफलतापूर्वक सम्पादित किये जाने में सहायता मिलेगी। इस वर्चुअल बैठक में एस ऐ मुरुगेसन, सचिव आपदा प्रबन्धन, उत्तराखंड, एस पी सुबुद्धि सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सुश्री नेहा वर्मा, अपर सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग उत्तराखंड,डॉ ओमप्रकाश सिंह नेगी, कुलपति, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय आनंद श्रीवास्तव, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, डॉ पीयूष रौतेला, आदि ने प्रतिभाग किया।
उधर वन भूमि हस्तांतरण के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को लैंड बैंक शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद स्तर के वन भूमि हस्तांतरण के लंबित मामलों के निस्तारण हेतु सभी जिला अधिकारी नियमित बैठक आयोजित करें। उन्होंने प्रमुख सचिव वन को भी लंबित मामलों के निस्तारण हेतु अपने स्तर पर बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संबंधित विभागों से आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए मामलों के निस्तारण हेतु तेजी लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सड़कों निर्माण में तेजी लाने हेतु वन भूमि हस्तांतरण के मामलों को तेजी से निस्तारित किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन एवं पीसीसीएफ भरतरी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.