डीएवी कॉलेज की दीवार गिरने से बहन के लिए बनी काल और भाई हुआ गंभीर घायल NSUI,ABVP आर्यन सभी छात्र संगठनों ने की प्राचार्य के इस्तीफे की मांग,आज कॉलेज रहेगा बंद

देहरादून

डीएवी कॉलेज देहरादून के पीछे की दीवार का हिस्सा भाई बहन के लिए बना काल।

दोनो को मौके से दून असपताल ले जा गया परंतु युवती की मौत हो गई जबकि उसका भाई गंभीर रूप से घायल हो गया।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कोटा चकराता निवासी सुष्मिता तोमर (22) डीबीएस कॉलेज के निकट एक कोचिंग संस्थान में पढ़ाया करती थी। हाल ही में उसकी नियुक्ति पुरोला डिग्री कॉलेज में कनिष्ठ सहायक के पद पर हुई थी।

लेकिन कुदरत को उसकिं खुशी शायद मंजूर नहिं थी,नौकरी मिलने की खुशी में वह अपने भाई के साथ देर शाम कोचिंग सेंटर के संचालक को मिठाई खिलाने गई थी।

अपने भाई रघुवीर को साथ लेकर वह रात को दोनों पैदल डीएवी कॉलेज के पीछे की रोड से गुजर रहे थे। इसी दौरान ऊंची दीवार का हिस्सा भरभराकर गिर पड़ा। करीब 15 फीट चौड़ी और 12 फीट ऊंची दीवार सड़क पर गिरी जिसके मलबे ने भाई-बहन को चपेट में ले लिया।

किसी तरह आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी और ईंटें हटाकर मलबे से दोनों को बाहर निकाला। पुलिस ने पहुंचने पर दोनों को उपचार के लिए दून अस्पताल भिजवाया। जहां डॉक्टरों ने सुष्मिता को मृत घोषित कर दिया। वही दीवार गिरने से हुई लड़की की मौत पर एनआईसीयू, आर्यन व एबीवीपी छात्रसंगठन से जुड़े छात्रों ने देर रात डीएवी कॉलेज में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्राचार्य कार्यालय और मुख्य गेट के आगे नारेबाजी करते हुए प्राचार्य से इस्तीफे की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि , करीब डेढ़ महीने पहले ही कॉलेज प्रशासन को दीवार की खस्ता हालत के बारे में बताया गया था। दीवार हादसे का कारण न बने इसके लिए छात्र समय रहते उसकी मरम्मत कराने की मांग लगातार कर रहे थे। परंतु कॉलेज प्रशासन ने छात्रों की मांगों को अनदेखा कर दिया और अब कॉलेज प्रशासन की लापरवाही के चलते एक लड़की की मौत हो गई।

छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा, इस संबंध में कॉलेज के संबंधित शिक्षकों व अधिकरियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं की गई या प्राचार्य की ओर से इस्तीफा नहीं दिया गया तो वह उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

हालांकि घटना के बाद कॉलेज के प्राचार्य डॉ के आर जैन ने कॉलेज को आज शुक्रवार को बंद रखने की घोषणा जरूर कर दी है। उन्होंने कहा कि दुःख की इस घड़ी में पूरा कॉलेज पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है।

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