देहरादून
नवम् सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन (SMDS-IX) के तीसरे दिन की थीम
…कोविड-19 के पश्चात एक लचीली पर्वतीय अर्थव्यवस्था की संरचना के उभरते आयाम अनुकूलन, नवप्रवर्तन तथा शीघ्रीकरण..
डा. राजेन्द्र डोभाल, अध्यक्ष, सतत् विकास मंच, उत्तरांचल (एस0डी0एफ0यू0) के द्वारा बताया गया कि नवम् सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन (SMDS-IX) का आयोजन ‘इन्स्टीट्यूशनल स्ट्रेन्थनिंग, फाॅरगोइंग पार्टनरशिप एण्ड फंडिग अपरचुनिटीज’ तकनीक सत्र की अध्यक्षता श्रीमती भारती गुप्ता रमोला द्वारा की गयी।
सत्र में वेंकटरमन उमाकांत, डा0 मधु वर्मा, डा0 कलाचंत सांइ, परमनाथ राज सिन्हा, द्वारिका प्रसाद उनियाल द्वारा अपने विचार रखे गये। इस सत्र में वन संरक्षण को प्राथमिकता, कार्बन फुटप्रिंट को कम करने एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ावा देने के लिये राज्यों द्वारा फाईनेंसियल पूल बनाये जाने की संभावनाओं पर जोर दिये जाने की बात कही गयी। इसके अलावा आर्गेनिक ग्रीन फ्यूचर एवं राज्य पोषित डिजिटल जाॅब सृजित करने पर बल दिया है।
डा. डोभाल द्वारा बताया गया कि आज सम्मेलन के दौरान माउंटेन लेजिसलेटर मीट का भी आयोजन किया गया जिसमंे हिमालयी राज्यों के पैंतीस विधायकों एवं सांसदों द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
सम्मेलन के दौरान कोविड वैक्सीन को आम जनता हेतु उपलब्ध कराये जाने एवं उससे जुड़ी जानकारी के बारे में डा. के श्रीनाथ रेड्डी, अध्यक्ष, पीएचएफआई द्वारा जानकारी साझा की गयी। सत्र में पर्यटन तथा रोजगार के बारे में हरी नायर द्वारा अपने विचार रखे गये जिस पर विधायकों एवं सासंदो पर अपने अपने सुझाव प्रस्तुत किये गये। विन्सैट पाला, सांसद, शिलांग, मेघालय द्वारा माउंटेन लेजिसलेटर मीट की अध्यक्षता की गयी।
पीडी राय द्वारा सत्र का संचालन एवं अम्बा जमीर द्वारा लेजिसलेटर मीट का सारांश प्रस्तुत किया गया। अंत में सतत् विकास मंच, उत्तरांचल के अध्यक्ष राजेन्द्र डोभाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं बताया कि सोमवार को सम्मेलन का समापन एवं डा आरएस टोलिया स्मृति व्याख्यान का भी आयोजन किया जाना है।