गर्जना रैली में शुक्रवार को बारिश के बावजूद सचिवालय पर उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर पर 20 लंबित मांगो को लेकर गरजे हजारों राज्य कर्मचारी

देहरादून

 

उत्तराखंड के मान्यता प्राप्त 10 परिसंघों की संयुक्त रूप से गठित समन्वय समिति ने वर्तमान में कैबिनेट मंत्रीमण्डल उत्तराखण्ड सरकार द्वारा राज्य कार्मिकों के भारत सरकार की तर्ज पर लिये गये डाउन ग्रेड वेतन के निर्णय को शीघ्र वापस लेने सहित दीर्घ अवधि से लम्बित 20 सूत्रीय मांग पत्र पर न्यायोचित मांगों को लेकर सचिवालय पर शुक्रवार को गर्जना रैली का आयोजन किया गया।

 

गर्जना रैली में उत्तराखंड के हजारों कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रैली से पूर्व कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर एसएस चौहान प्रांतीय अध्यक्ष उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ द्वारा की गई तथा संचालन शक्ति प्रसाद भट्ट तथा पंचम सिंह बिष्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

 

उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के सचिव संयोजक पूर्णानंद नौटियाल द्वारा कहां गया कि विधानसभा चुनाव से पूर्व समन्वय समिति के प्रान्तीय प्रतिनिधिमण्डल की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक सम्पन्न हुई थी, जिसमें सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा जिन बिन्दुओं का समाधान एवं विसंगतियों का निराकरण विधानसभा चुनाव से पूर्व नही हो पाया है।

 

इन सभी मांगों का समाधान विधानसभा चुनाव के बाद पुनः सरकार बनने पर उत्तराखण्ड शासन से कराने का आश्वासन समन्वय समिति के पदाधिकारियों को दिया गया था। परन्तु लम्बित समस्याओं का समाधान करने के बजाय वर्तमान में उत्तराखण्ड शासन में बैठे सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा राज्य कार्मिकों को पूर्व से दिये जा रहे ग्रेडवेतन को भारत सरकार की तर्ज पर डाउन ग्रेड वेतन का निर्णय बिना ठोस तथ्यों के जल्दबाजी में माननीय (कॅबिनेट) मंत्रीमण्डल से पारित करा लिया गया है। इस निर्णय से प्रदेश के लाखों कार्मिकों में उत्तराखण्ड शासन में बैठे अधिकारियों के प्रति अविश्वास की भावना पनपने के साथ ही बहुत बड़ा आकोष उत्पन्न हो गया है।

 

संयुक्त कर्मचारी परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष अरुण पांडे द्वारा कहा गया कि समन्वय समिति द्वारा आंदोलन तथा पत्रों के माध्यम से न्यायोचित समस्याओं का समाधान करने हेतु दीर्घ अवधि से लगातार शासन से अनुरोध किया जाता रहा है, परन्तु शासन स्तर पर किसी भी समस्या का समाधान न हो पाने के कारण समन्वय समिति को प्रदेश व्यापी चरणबद्ध आन्दोलन की घोषणा करने हेतु बाध्य होना पड़ा है। मिनिस्ट्रियल फेडरेशन के महामंत्री मुकेश बहुगुणा द्वारा कहां गया कि जिस प्रकार सरकारों ने पूर्व में पुरानी पेंशन हटा दी गई तथा कर्मचारियों को तोड़ने की कोशिश की गई उसी प्रकार डाउनग्रेड के माध्यम से कर्मचारी संगठनों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है उन्होंने सरकार से तुरंत पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।

 

रैली कार्यक्रम में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष नाजिम सिद्दीकी जी द्वारा सरकार को चेतावनी दी गई की मांगों को ना माने जाने पर रियाद आंदोलन किया जाएगा। रैली को समन्वय समिति के 10 परीसंघों के अध्यक्ष महासचिव द्वारा संबोधित किया गया। रैली में कुमाऊं मंडल तथा गढ़वाल मंडल के हजारों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

 

समन्वय समिति द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार समस्त जनपदों से देहरादून मुख्यालय पर पहुंचे हजारों कार्मिकों के साथ पेरड ग्राउण्ड से सचिवालय तक गर्जना रैली निकाली गई। रैली के अंत में सभा के अध्यक्ष इंजीनियर एस एस चौहान द्वारा निम्न घोषणा की गई कि राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर के पश्चात 10 नवंबर से सभी कार्मिक हड़ताल पर चले जाएंगे।

 

इस अवसर पर पूर्णानंद नौटियाल सचिव संयोजक शक्ति प्रसाद भट्ट सचिव संयोजक प्रताप सिंह पंवार, प्रदेश अध्यक्ष उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, पंचम सिंह बिष्ट प्रदेश महामंत्री उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, अरुण पाण्डे प्रदेश अध्यक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, एस०एस० चौहान प्रांतीय अध्यक्ष उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ, मुकेश रतूड़ी प्रांतीय महासचिव, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ,मुकेश बहुगुणा प्रदेश महामंत्री मिनीस्टीरियल फैडरेशन, विक्रम सिंह नेगी प्रदेश अध्यक्ष वै०अघि०सहा0संघ, कुलदीप कुमार प्रदेश महामंत्री, वै०अधि०सहा0संघ, नाजिम सिद्दीकी,हरकेश भारती प्रांतीय अध्यक्ष महासचिव चतुर्थवर्गीय कर्मचारी महासंघ, निशंक सिरोही विवेक रतूड़ी प्रांतीय अध्यक्ष प्रांतीय महासचिव इं०ड्रा०स० फैडरेशन , राकेश रावत महामंत्री सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ, दिनेश गुसाई प्रदेश अध्यक्ष नि०अ०क०महासंघ, बी०एस०रावत

प्रदेश महामंत्री, नि०अ०क० महासंघ, सुभाष देवलालियाल, शांतनु शर्मा, ओमवीर चौधरी उर्मिला द्विवेदी,राजेश प्रसाद, राजेंद्र जोशी मुख्य संयोजक देहरादून नई रैली में भाग लिया और बारिश में भी मौके पर जमे रहे।

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