देहरादून
उत्तराखंड शासन ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 30 सन् 1966) की धारा-3 की उप धारा (1) के आधीन शक्ति का प्रयोग करके राज्यपाल ने इस आदेश के जारी होने से छः मास की अवधि के लिये उत्तराखण्ड की विद्यालयी शिक्षा विभाग, जिसमें उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद् भी सम्मिलित है, कि सभी श्रेणी की सेवाओं में तत्काल प्रभाव से हड़ताल पर रोक लगा दी गयी हैं।
बताते चलें कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने पहले ही 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तिथियां घोषित कर दी थी। उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 2022 का आयोजन 28 मार्च से 18 मार्च 2022 तक होगा। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं की परीक्षा के लिए 1,29,785 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जिसमे रेगुलर छात्रों की संख्या 1,27,414 और प्राइवेट छात्रों की संख्या 2371 है।
जानिए क्या है एस्मा एक्ट ?
राज्य सरकार की ओर से लगाए गए एस्मा एक्ट सरकारी कर्मचारियों को प्रदर्शन व हड़ताल करने से रोकने को एक सख्त कानून है। इसके लागू होने के बाद प्रदेश में कहीं भी प्रदर्शन या हड़ताल पूरी तरह से प्रतिबंधित रहते हैं। वहीं, इस एक्ट के लागू होने के बाद भी अगर कर्मचारियों की तरफ से हड़ताल या प्रदर्शन किया जाता है और उससे राज्य सरकार के कामकाज प्रभावित होते हैं तो संबंधितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। इसके साथ ही बिना वारंट के संबंधित कर्मचारियों की गिरफ्तारी के भी प्रावधान है।