उत्तराखंड स्वास्थ्य प्राधिकरण की बैठक संपन्न,कई महत्त्वपूर्ण विषयों को लेकर हुई विस्तृत चर्चा के बाद जारी किए गए दिशा निर्देश

देहरादून

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की प्राचार्या डॉ0. गीता जैन की अध्यक्षता में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेशक डॉ0 विनोद टोलिया के साथ हुई आयुश्मान भारत योजना की महत्वपूर्ण बैठक न्यू ओटी भवन के पंचम तल स्थित सभागार कक्ष में संपन्न हुई।

नोडल अधिकारी आयुश्मान द्वारा बैठक में प्रस्तुत किये गये बिन्दु …

👉🏽1. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से मौखिक में मिले निर्देषों के क्रम मे पूर्व मे मरीजों को भर्ती करके जो जांचे जैसे कि सी0टी0/एम0आर0आई0 इत्यादि करायी जा रही थी, वर्तमान मे उनकों करने के लिए मना कर दिए जाने का कारण स्पश्ट नही है।

👉🏽2. मरीजों के उपचार में प्रयुक्त होने वाले पैकेजेज को लेकर स्पश्टता न होने से कंजरवेटिव मैनेजमेंट मे दिक्कतें आ रही है जैसे कि गम्भीर सर्जिकल रोगियों का पैकेज स्पश्ट नही है।

👉🏽3. आयुश्मान बूथ पर नोडल अधिकारी द्वारा निरीक्षण करने पर पाया कि बी0एफ0ए0 के कर्मचारियों मे टैक्नीकल नॉलेज का आभाव है और मेडिकल टर्मिनोलॉजी का ज्ञान न होने के चलते पोर्टल पर सही से दस्तावेज अपलोड नही हो पा रहे।

👉🏽4. नोडल अधिकारी द्वारा कम्पलीट फाईलों के संबंध में संका व्यक्त की गयी कि फाईलों की जांच-पड़ताल मे अंतिम स्तर पर कमियां सम्भव है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के निदेषक डॉ0 विनोद टोलिया द्वारा संबंधित षंकाओं का समाधान प्रस्तुत करते हुए निम्नलिखित दिया-निर्देश जारी किये गये…

👉1. आयुश्मान में उपचार के लिए उपलब्ध दो व्यापक सर्जिकल एवं मेडिकल ट्रीटमेंट के पैकेजों की जानकारी साझा करते हुए बताया गया कि सर्जरी से जुडे़ विभाग मेडिकल और सर्जिकल दोनो तरह के उपचार करने के अर्ह हैं। सी0टी0/एम0आर0आई0 इत्यादि जांचों की सालाना राषि तय है और मेडिकल और सर्जिकल दोनो ही पैकेजों मे संनिहित है।

👉2. किसी सर्जन को कंजरवेटिव ट्रीटमेंट के दौरान सी0टी0/एम0आर0आई0 इत्यादि जांचों की आवष्यकता होने पर वे मेडिकल पैकेज के अन्तर्गत ऐसा कर सकते हैं। सर्जरी एलाइड के विभागों में मेडिकल पैकेज से भी इलाज किया जाना पूरी तरह संभव है।

👉3. अतिरिक्त में उपलब्ध अनस्पेसिफाइड पैकेज में यदि पोर्टल पर अपलोड करने में समस्या आती है तो उसका ऑफलाइन अप्रूवल नोडल अधिकारी द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित करके प्राप्त किया जा सकता है। पूर्व में रिजेक्ट किये गये ऐसे केसेज की पुर्नसमीक्षा की जायेगी।

👉4. गोल्डन कार्ड और आयुश्मान कार्ड दोनों के ही एक समान पैकेज हैं और उपचार की उपलब्धता मे किसी भी प्रकार की भिन्नता नहीं है।

👉5. अस्पताल से चिकित्सा प्राप्त गोल्डन-कार्ड धारकों की सूची एस0एच0ए0 को उपलब्ध कराकर भुगतान की कैटेगिरी वाईज प्रक्रिया षुरू की जा सकती है।

👉6. बी0एफ0ए0 कर्मचारी आयुश्मान के संचालन हेतु डाक्टरों की सुविधा हेतु रखे गये हैं, अतः उनमें आयुश्मान के दिषा-निर्देषों की और अधिक स्पश्टता की आवष्यकता है।

👉7. एस0एच0ए0 के छोर पर आ रही मूल्याकंन की त्रुटियों का निस्तारण पूर्ण स्पश्टता के साथ किया जायेगा।

👉8. रिजेक्टेड केसेज की पुर्नसमीक्षा हेतु रिव्यू पत्र के साथ-साथ पूरी सूची आख्या सहित उपलब्ध करायी जानी चाहिए जिससे की एस0एच0ए0 के छोर पर शीघ्रता से विचार किया जा सके।

बैठक में डॉ0. अनुराग अग्रवाल, चिकित्साधीक्षक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज संबद्व चिकित्सालय देहरादून,डॉ0.एन0एस0 बिष्ट, उप चिकित्साधीक्षक/नोडल अधिकारी, अटल आयुश्मान योजना, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज संबद्व चिकित्सालय देहरादून,अतुल जोशी, अपर निदेशक, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, देहरादून,डॉ0 हर्ष अग्रवाल, स्टेट कोर्डिनेटर, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण, देहरादून,समस्त विभागाध्यक्ष एवं संकाय सदस्य राजकीय दून मेडिकल कॉलेज संबद्व चिकित्सालय देहरादून, आयुश्मान प्रभारी एवं बी0एफ0ए0 कार्मिक, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज संबद्व चिकित्सालय देहरादून मौजूद रहे।

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