11-सितम्बर को वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी बी एल सकलानी (67) का रात्री 9-30 बजे दून हस्पताल में देहांत हों गया।
बताया गया कि बी एल सकलानी का एकदम सांस फूलने की समस्या के कारण एमरजेंसी में दून हस्पताल में पहुंचे जहां कुछ देर बाद हीउनका देहान्त हों गया। परिजनों ने आरोप लगाया क़ि उन्हे रात को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाई जिससे उनकी जान चली गई। सुबह वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व उक्रांद के पूर्व प्रवक्ता हरीश पाठक ने दूरभाष द्वारा राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती को यह समाचार बताया।
मोके पर पहुंचे प्रदीप कुकरेती ने कहा क़ि यदि एक वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी को प्रदेश की अस्थाई राजधानी के मेडिक्ल कालेज में भी उपकरणों के अभाव में अपनी जान गंवानी पड़ी तो इससे दुःखद औऱ शर्मनाक कुछ नहीं स्वास्थ्य मन्त्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। स्वर्गीय बी एल सकलानी के भाई देवेंद्र दत्त सकलानी ने भी पुष्टि की। खबर सुनकर राज्य आंदोलनकारी दून हस्पताल में एकत्रित हो गए। दून हस्पताल प्रशासन द्वारा उनका कोविड टेस्ट कराया गया था जो नेगेटिव निकला। जिला प्रशासन क़ी ओर से अपर तहसील दार राणा ने उनके शव पर पुष्पांजलि अर्पित की। सबकी सहमति से अंतिम संस्कार रायपुर में बने विशेष श्मशान घाट पर किया गया। जिसमें उनका पुत्र चिंतन सकलानी व उनके भाई देवेन्द्र दत्त सकलानी , राकेश सकलानी ही उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो पाए। दो दिन पहले ही वह संग्राहलय बनाने क़ी मागं को लेकर कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक औऱ तेल की बोतल लेकर मन्दिर में उन्होंने खुद को अन्दर बंद कर लिया था। वह पिछ्ले 15-वर्षों से शहँशाही आश्रम में राज्य आन्दोलन की याद में संग्रहालय बनाने औऱ राज्य आन्दोलन का इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल कराने क़ी मागं हमेशा रही। उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में पहला बड़ा तीन दिवसीय
सम्मेलन जो उन्हीं के आवास के आगे आँगन शहंशाई आश्रम में ही हुआ था। जिसमें सभी पूर्व व वर्तमान छात्र संघ के अध्यक्ष शामिल हुऐ थे। राज्य आंदोलनकारी मंच सरकार व शासन से मागं की हैं क़ि स्व.बी एल सकलानी को सच्ची श्रद्धांजली तभी होगी जब उनकी मागो को पूरा किया जाया अन्यथा शहीद स्मारक पुस्तकालय में उनके तथ्यों को संभालकर उनके नाम से संवारा जायं।दून हस्पताल में उनकी पत्नी व उनकी भाभी व राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष खबर सुनकर पहुंचे ओर सभी ने दुखः व्यक्त करते हुऐ अपनी ओर से श्रद्धांजली दी। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में ओमी उनियाल , जगमोहन सिहं नेगी , प्रदीप कुकरेती , रामलाल खंडूड़ी , अमर सिहं , सुरेश कुमार , सतेन्द्र नोगाई , हरीश पाठक , प्रमिला रावत , निर्मला बिष्ट व नवनीत गुंसाई , गणेश डंगवाल , विनोद अस्वाल , राकेश नौटियाल , प्रभात , जयदीप सकलानी , वेदानन्द कोठारी, प्रवीन गुंसाई आदि मौजूद थे।