देहरादून
दून में वैध मलिन बस्तियों को नगर निगम ने बड़ी राहत दी है। यहां करीब 18 हजार भवनों का पिछले पांच साल का कर माफ कर दिया गया है।
अब चालू वित्तीय वर्ष से ही इन बस्तियों से भवन कर वसूला जाएगा। महापौर सुनील उनियाल गामा ने इसके आदेश किए हैं। इसमें मलिन बस्ती नियमितीकरण नियमावली- 2016 के तहत आने वाली बस्तियां शामिल हैं। हालांकि, शहर में मलिन बस्तियों में 40 हजार घर होने का अनुमान है।
वर्ष 2014 के बाद नगर निगम की ओर से मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली शुरू की गई थी। इसके बाद वर्ष 2016 में मलिन बस्ती नियमावली बनने के बाद चिह्नित की गई मलिन बस्तियों में करीब 18 हजार घर वैध पाए गए। जिनसे वर्ष 2018 तक हाउस टैक्स वसूल किया गया।
इसके बाद राजनीतिक दबाव और नियमावली को लेकर चल रहे मंथन के बीच कर वसूली बंद कर दी गई। इस साल शासन के दिशा-निर्देश पर नगर निगम ने मलिन बस्तियों से पहले पूरे पांच साल का भवन कर ब्याज के साथ लेने पर विचार किया। जिसका कुछ राजनीतिक दलों व मलिन बस्तियों के निवासियों ने विरोध किया। अब नगर निगम की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि सभी वैध मलिन बस्तियों से वर्ष 2018 से वर्ष 2023 तक का कर नहीं लिया जाएगा। उन्हें सिर्फ इस वित्तीय वर्ष 2023- 24 से ही कर अदा करना होगा। यह 18 हजार घरों के लिए बड़ी राहत है। हालांकि, अब भी करीब 22 हजार भवन नगर निगम की ओर से अवैध ठहराए गए हैं। वर्ष 2016 में बनी नियमावली के बाद अस्तित्व में आई मलिन बस्तियों के भवनों को वैध नहीं माना जाएगा।
👉 नगर निगम प्रशासन ने चालू वित्तीय वर्ष से ही बस्तियाँ से टैक्स लेने का लिया निर्णय
👉 वर्ष 2016 में बनी नियमावली के तहत बस्तियों से वर्ष 2018 तक लिया गया था।
महापौर देहरादून नगर निगम
सुनील उनियाल गामा ने बताया कि मलिन बस्तियों से बीते पांच वर्ष का भवन कर ब्याज सहित लेने का कोई औचित्य नहीं था। इसलिए निगम ने पुराना बकाया माफ करते हुए वैध मलिन बस्तियों से इसी वर्ष से कर वसूली करने का निर्णय लिया है। साथ ही कर अनुभाग की ओर से कैंप लगाकर मलिन बस्तियों के भवनों से कर जमा कराया जाएगा।