देहरादून/ उत्तरकाशी
भटवाड़ी ब्लाक के सैंज गांव में अपने दो पोतों को बचाने के लिए एक 65-वर्षीय वृद्ध भालू से भिड़ कर उसे भगाने में कामयाब रहा।
काफी देर तक दोनों के बीच संघर्ष चला और अंत में भालू को जंगल की ओर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि, इस में वृद्ध बुरी तरह घायल हो गए। बावजूद इसके उन्होंने अपने दोनों लाडले पोतों को सकुशल घर तक पहुंचाया। बाद में परिजनों और ग्रामीणों की मदद से घायल वृद्ध को जिला अस्पताल उत्तरकाशी लाया गया, जहां से उन्हें एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया।
जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 20 किमी दूर सैंज गांव में भी इन दिनों भालू का आतंक व्याप्त है। सोमवार सुबह लगभग 11 बजे ग्राम सैंज निवासी प्रताप सिंह पंवार गांव से 500 मीटर दूर पेयजल स्रोत की मरम्मत करने गए थे।
पंवार के साथ उनके 8 व 6 वर्षीय पोते भी थे। वे लोग अभी पेयजल स्त्रोत के पास पहुंचे ही थे कि तभी अचानक झाड़ियों के पीछे से एक भालू पंवार के पोतों पर झपटा। यह देख पंवार भालू से भिड़ गए और घायल होने के बावजूद उसे उल्टे पांव भगाने में कामयाब रहे।
मनेरी के प्रधान एवं प्रधान संगठन के प्रदेश महासचिव प्रताप सिंह रावत ने बताया कि भालू के हमले में पंवार गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने वृद्ध के साहस की सराहना करते हुए वन विभाग से मांग की कि भालुओं को आबादी से दूर रखने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाएं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में नियमित गश्त भी की जाए। उन्होंने बताया कि भटवाड़ी ब्लाक में 12 से अधिक ग्रामीणों पर भालू हमला कर चुका है।
लगातार भटवाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में भालू के लगातार हो रहे हमलों को लेकर पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण भी आंदोलन की बात कह चुके हैं। उनका कहना था कि प्रशासन और वन विभाग चेन की नींद सो रहा है। पता नही कब जागेगा तब तक बहुत देर न हो जाए। ग्रामीण भय के साये में जीने को। मजबूर हैं।