14 जुलाई को पूर्व सीएम हरीश रावत ने बनाया सरकार को घेरने का प्लान, गैरसैंण पहुंच तालाबंदी करने को रणनीति बनाई

देहरादून

पूर्व सीएम हरीश रावत 14 जुलाई को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण पहुंचेंगे। यहां पहुंच वे सांकेतिक रूप से एक सरकारी कार्यालय पर तालाबंदी करेंगे।

पूर्व सीएम ने सरकार पर ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को लेकर राज्य की जनता का अपमान करने का आरोप लगाया। पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड से कई बड़े वादे किए हैं।

एक वादा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भी किया गया है। अब ग्रीष्मकाल फिर गुजरने को है। ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा के बाद ये तीसरा ग्रीष्मकाल है, जिसमें गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाना तो छोड़िये, मुख्यमंत्री ने एक रात तक वहां बिताना भी मुनासिब नहीं समझा है।

हरदाने कहा कि सरकार के प्रतीक के रूप में भी कोई बैठता नहीं। एक दिन भी रात रहकर वहां मंत्रिमंडल ने कोई विचार विमर्श नहीं किया । मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव समेत अन्य अफसर भी वहां नहीं गए हैं। ये राज्य की जनता और उसके मान सम्मान की प्रतीक विधानसभा के पटल का भी है। सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा पर अमल करने को तैयार नहीं है। लोगों से इसे भूलने के लिए कहा जा रहा है।

पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होंने तय किया है कि वे इस सरकार को बिल्कुल भी भूलने नहीं देंगे। सरकार को याद दिलाने को 14 जुलाई को गैरसैंण पहुंचेंगे। क्योंकि 15 जुलाई के बाद फिर ग्रीष्मकाल समाप्त हो जाएगा। वे 14 जुलाई को गैरसैंण पहुंच कर सरकार के प्रतीक के रूप में एक सरकारी कार्यालय में सांकेतिक तालाबंदी कर उत्तराखंड के लोगों के आक्रोश को आवाज देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.