देहरादून
जिला यूथ रेडक्रास कमेटी के तत्वावधान ननूरखेडा़ स्थित शिक्षा निदेशालय प्रांगण में आयोजित रक्तदान शिविर एवं विचार गोष्ठी में अपनी तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के संघर्षरत शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपनी रचनात्मक सोच का परिचय देते हुए कुल 84 यूनिट रक्तदान करके एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
रक्तदान शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि पूर्व राज्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री प्रतिनिधि किशोर भट्ट, कार्यक्रम अध्यक्ष यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा, वरिष्ठ सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा , माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट कार्यकारी अध्यक्ष आशीष जोशी व प्रदेश प्रवक्ता राकेश लाल जोशी ने सम्बोधन किया।
बतौर मुख्य अतिथि रविन्द्र जुगरान ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान पूजा के समान है। नि:स्वार्थ भावना से अपना अमूल्य रक्त देकर मृतप्राय व्यक्ति का जीवन बचाने से बड़ा और कौन सा पुण्य का काम हो सकता है। उन्होंने धरने पर बैठे अतिथि शिक्षकों द्वारा रक्तदान करने के लिए स्वयं खुशी से आगे आने को प्रशंसनीय करार दिया। उन्होंने अपनी समस्याओं के निराकरण की मांग के साथ- साथ अपना जीवन बचाने के लिए रक्त की आस में मौत से जूझ रहे बीमारों का दर्द महसूस करके रक्तदान करने वाले शिक्षक रक्तदाताओं को सच्चा गुरु, मार्गदर्शक एवं फरिश्ता बताया।
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि किशोर ने कहा कि रक्तदान करके जीवन की अंतिम घड़ियां गिन रहे व्यक्ति का जीवन बचाकर हम उसपर अहसान नहीं करते बल्कि अपने सामाजिक कर्तव्य की पूर्ति करते हैं। आंदोलनरत अतिथि शिक्षकों द्वारा किसी भी प्रकार की अव्यवस्था करने के बजाय रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाना उत्तराखंड वासियों के लिए प्रेरणा तथा गौरव का विषय है। उन्होंने रक्तदान महिलाओं एवं पुरुषों को रक्तदाता सम्मान पत्र प्रदान करके पुरुस्कृत किया।
अब तक रिकार्ड 141 बार रक्तदान कर चुके यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रक्तदान के प्रति अंधविश्वासों को बेबुनियाद बताते हुए रक्तदान करने से स्वयं रक्तदाता को होने वाले अनेक फायदों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक बार रक्तदान करने से कम से कम तीन लोगों की जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। जो व्यक्ति साल में 3-4 बार रक्तदान करता है उसे हार्ट अटैक या एंजायना होने की संभावना 95% कम होती है। नियमित रक्तदान करने से कैंसर की संभावना 85%कम हो जाती है। रक्तदान से कैलोरी बर्न होने से फैट कम होने पर मोटापा की समस्या से निजात मिलती है। रक्तदान से बोनमैरो एक्टिवेट होता है जिससे नये ब्लड सैल्स बनने से शरीर में स्फूर्ति एवं ऊर्जा का संचार होता है। रक्तदान करते रहनै से प्राकृतिक रूप से रक्त की सफाई होती रहती है जिससे टाक्सिन्स निकल जाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाने से हम अनेक खतरनाक बीमारियों से बचे रहते हैं। लगातार तीन माह बाद रक्तदान करने से खून पतला बना रहता है जिससे खून में आयरन लेवल सही बना रहने के कारण ख़ून जमने की समस्या नहीं होती।
वर्मा ने “रक्तरोग थैलीसीमिया मुक्त भारत” बनाने के लिए प्रत्येक युवा जोड़े की विवाह से पूर्व जन्म कुंडली मिलाने की बजाय रक्त कुंडली ( थैलीसीमिया माईनर टेस्ट ) मिलाने को बेहद आवश्यक बताया। उन्होंने दोनों थैलीसीमिया माईनर लड़के-लड़की को आपस में विवाह न करने की अथवा बच्चा पैदा न करने की विशेष सलाह दी।
यूथ रेडक्रास की वरिष्ठ सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा ने महिलाओं को भी रक्तदान करने के लिए स्वेच्छापूर्वक आगे आने की प्रेरणा देते हुए कम से कम हर छह माह बाद रक्तदान करने की सलाह दी।
इससे पूर्व अनिल वर्मा ने यूथ रेडक्रास की ओर से मुख्य अतिथि रविन्द्र जुगरान तथा माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने यूथ रेडक्रास कमेटी के चेयरमैन अनिल वर्मा , वरिष्ठ सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा ,महन्त इंदिरेश हास्पिटल ब्लड बैंक की चिकित्साधिकारी डॉ० आशना गोयल एवं टीम के साथ ही रक्तदानी अतिथि शिक्षकों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
शिविर के दौरान महन्त इंद्रेश हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की चिकित्साधिकारी डॉ.आशना गोयल सहयोगी बिपिन चंद , टेक्नीशियन टीम के किशन, कविता , ममता , दिव्या तथा विकास ने शिविर के कुशल संयोजन, संचालन तथा रक्तदान प्रेरणा सम्बोधन हेतु यूथ रेडक्रास के चेयरमैन अनिल वर्मा को “सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन ” प्रदान करके सम्मानित किया ।
रक्तदान शिविर का समापन समस्त रक्तदाताओं को जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा रक्तदान सम्मान पत्र एवं प्रतीक चिह्न देकर किया गया।