पूर्व विधायक राजकुंमार का जाति प्रमाणपत्र मामला पहुंचा हाइकोर्ट, दून डीएम के यहां भी जांच जारी

देहरादून/नैनीताल

कांग्रेस के राजपुर रोड विधानसभा से पूर्व विधायक राजकुमार का कास्ट सर्टिफिकेट मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है।

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून की हॉट सीट माने जाने वाली 20 राजपुर रोड विधान सभा सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिख रही हैं।

हालांकि पूर्व में भी चुनाव के दौरान यही मुद्दा उठता रहा है। लेकिन हर बार बात आई गयी हो जाती है। लेकिन इस बार मामला ज्यादा गम्भीर लग रहा है। क्योंकि याचिकाकर्ता नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंच गया है और इसमे कोर्ट ने राज्य सरकार से 4 हफ्ते में जवाब भी मांग लिया है । इस पूरे मामले में 18 फरवरी को अगली सुनवाई भी होनी है।

शिकायतकर्ता बालेश बवानिया का आरोप है कि पूर्व विधायक राजकुमार ने 2011 में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाने का प्रयास किया जो शिकायतकर्ता की जांच के बाद प्रशासन ने 2012 में निरस्त कर दिया था, परन्तु कुछ दिनों बाद ही राजकुमार ने फिर से नया जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया। शिकायत करने वाले खुड़बुड़ा मोहल्ला निवासी बालेश बवानिया ने कहा कि पुराने मामले में भी पूर्व विधायक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिये थी।
ऐसे में लगातार राजनीतिक दबाव बनवाकर बिन साक्ष्यों के पूर्व विधायक को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना जांच का विषय बन रहा है। इस मामले को लेकर हम डीएम को शिकायती पत्र सौंपकर कानूनी कार्रवाई की मांग कर चुके हैं जिसको लेकर जांच जारी है दून के डीएम स्वयं चुनाव जिला निर्वाचन अधिकारी भी है।बवानिया ने कहा कि यदि उनका प्रमाणपत्र सही है तो राजकुंमार को मुझपे मानहानि का दावा करना चाहिए।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के अनुसार नियमानुसार राज्य में 1950 से पहले से रह रहे व्यक्ति को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का अधिकार है। यदि आवेदक का परिवार 1950 से पहले दूसरे राज्य में रहता है तो वहीं से प्रमाण पत्र हासिल करने का अधिकारी होगा। यह भी कहा कि  जिलाधिकारी को एसडीएम से नहीं बल्कि कमेटी गठित कर जांच करानी चाहिए। न्यायाधीश एनएस धानिक की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पूर्व विधायक राजकुमार व सरकार से जवाब मांगा है।

दूसरी तरफ बात की जाए तो जल्द ही कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने वाली है और पार्टी सूत्रों की माने तो हॉट सीट राजपुर विधान सभा पर सारे दावेदारों को दरकिनार कर टिकट पूर्व विधायक राजकुमार को ही देने की तैयारी है।

पूर्व विधायक राजकुंमार कहते हैं कि हर चुनाव में यही मुद्दा उठाया जाता रहा है। सस्ती लोकप्रियता के लिए भी लोग ऐसा करते हैं।

यहां अब सवाल ये है कि अगर फर्जी प्रमाण पत्र को लेकर पुनः राजकुमार के खिलाफ जांच शुरू हो जाती है तो पार्टी और खुद राजकुमार परेशानी में पड़ सकते हैं। अगर मामले पर ज्यादा विवाद की स्थिति आयी तो टिकट राजकुंमार को देने न देने के बारे में हाइकमान सोचने पर मजबूर हो सकता है। वेसे भी काफी लम्बी लाइन लगी है दावेदारों की। ऐसे ही एक सशक्त दावेदार संजय कनोजिया’कद्दू’कहते हैं कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। लेकिन ये विरोधियों की साजिश भी हो सकती है। हम ऐसे समय मे पार्टीवर्कर होने के नाते राजकुमार के साथ हैं।

हालांकि उनके समर्थक मानते हैं कि पहले भी कई बार ये मुद्दा उठता रहा है। याचिका निरस्त होगी और राजकुंमार एक बार पुनः इस मामले से बाहर निकल आएंगे और पार्टी के सिम्बल पर जीत हासिल करेंगे।

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